Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jammu Kashmir: सेंट्रल पूल कोटे में MBBS-BDS की सीटों में दाखिले के लिए रहें तैयार

    By Vikas AbrolEdited By:
    Updated: Sat, 30 Oct 2021 05:40 PM (IST)

    बोर्ड आफ प्रोफेशनल एंट्रेंस एग्जामिनेशन के कंट्रोलर प्रो. सुनील गुप्ता की तरफ से जारी आदेश के तहत सेंट्रल पूल कोटा के तहत जब संबंधित मंत्रालय सीटों की अधिसूचना जारी करेंगे तो उस समय उम्मीदवारों को आवेदन करने में परेशानियों का सामना न करना पड़े।

    Hero Image
    आतंकवाद पीड़ित परिवारों के उन बच्चों को अपने दस्तावेज तैयार कर लेने चाहिए जो नीट परीक्षा दे चुके हैं।

    जम्मू, राज्य ब्यूरो। सेंट्रल पूल कोटे में एमबीबीएस व बीडीएस की सीटों में दाखिले के इच्छुक जम्मू कश्मीर के आतंकवाद पीड़ित परिवारों के उन बच्चों को अपने दस्तावेज तैयार कर लेने चाहिए जो नीट परीक्षा दे चुके हैं।

    नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने एमबीबीएस व बीडीएस में दाखिले के लिए 12 सितंबर 2021 को नीट परीक्षा आयोजित की थी जिसका परिणाम जल्द घोषित होने वाला है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सेंट्रल पूल कोटा के तहत जम्मू कश्मीर के विद्यार्थियों को बाहरी राज्यों में एमबीबीएस व बीडीएस में दाखिले के लिए सीटें उपलब्ध करवानी है इसलिए उम्मीदवारों को परिणाम से पहले ही दस्तावेज तैयार रखने चाहिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बोर्ड आफ प्रोफेशनल एंट्रेंस एग्जामिनेशन के कंट्रोलर प्रो. सुनील गुप्ता की तरफ से जारी आदेश के तहत सेंट्रल पूल कोटा के तहत जब संबंधित मंत्रालय सीटों की अधिसूचना जारी करेंगे तो उस समय उम्मीदवारों को आवेदन करने में परेशानियों का सामना न करना पड़े।

    केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की तरफ से तीन श्रेणियों की अधिसूचना है। जिसमें वो बच्चे शामिल है जिनके अभिभावकों या परिवार के किसी सदस्य की आतंकवाद विरोधी अभियान में शहादत हुई है या क्रास फायरिंग का पीड़ित है। उन लोगों के बच्चे, जिनको आतंकवादियों के खिलाफ अभियान में खतरा है या आतंकवादियों की हिट लिस्ट में हैं। उन परिवारों के बच्चे जो मुस्लिम या गैर मुस्लिम है और मौजूदा स्थिति के कारण कश्मीर से पलायन कर गए हैं व अपनी आजीविका खो चुके हैं।

    केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से पहली प्राथमिकता उनको है जिस विद्यार्थी के दोनों अभिभावक आतंकवादी हमले में शहीद हुए है। दूसरी प्राथमिकता उन परिवारों के बच्चों को होगी जिनकी रोजी रोटी का प्रबंध करने वाले अभिभावक की आतंकवादी हमले में मौत हो गई है। तीसरी प्राथमिकता उन बच्चों को मिलेगी जिनके अभिभावक आतंकवादी अभियानों में स्थायी दिव्यांग हो गए हैं।