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    BBIA का उपराज्यपाल प्रशासन और उमर सरकार पर बड़ा आरोप, उद्योग को बढ़ावा देने की बात, लेकिन अड़चनें पैदा करने का काम

    By Lalit Kumar Edited By: Rahul Sharma
    Updated: Tue, 21 Oct 2025 04:04 PM (IST)

    बारामूला बिरयानी इंडस्ट्रियल एसोसिएशन (BBIA) ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल प्रशासन और उमर अब्दुल्ला सरकार पर उद्योगों को बढ़ावा देने के नाम पर बाधाएं उत्पन्न करने का आरोप लगाया है। BBIA का कहना है कि नौकरशाही और लालफीताशाही के कारण कई परियोजनाएं अटकी हुई हैं, जिससे निवेश और रोजगार के अवसर कम हो रहे हैं। 

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    पिछली उमर सरकार पर भी इसी तरह के आरोप लगाए गए हैं।

    जागरण संवाददाता, जम्मू। बाड़ी ब्राह्मणा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीबीआईए) ने उपराज्यपाल प्रशासन व उमर अब्दुल्ला सरकार पर स्थानी उद्योग व उद्योगपतियों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सरकार की उदासीनता के कारण ही जम्मू में उद्योग दम तोड़ रहा है।

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    बीबीआईए ने कहा है कि अगर सरकार का यहीं रवैया रहा तो जम्मू को औद्याेगिक केंद्र बनाने का मोदी सरकार का सपना कभी पूरा नहीं होगा। बीबीआईए ने कहा है कि एक तरफ उपराज्यपाल प्रशासन और उमर सरकार स्थानीय उद्योग को बढ़ावा देने की बात करते हैं और दूसरी तरफ छोटीे-छोटी अड़चने पैदा करके औद्योगिकीकरण के रास्ते रोके जा रहे हैं।

    सरकार की उदासीनता का परिणाम

    बीबीआईए के प्रधान ललित महाजन ने मंगलवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि वर्ष 2017-18 में उद्योग एवं वाणिज्य विभाग ने बाड़ी ब्राह्मणा के बलाेल ब्रिज के पास कुछ उद्योगपतियों को 522 कनाल जमीन अलाट की थी। उद्यमियों ने जमीन अलाट होने के बाद विभाग के पास रजिस्ट्रेशन भी करवाया लेकिन इससे पहले कि उद्यमी अपना उद्योग स्थापित करते, राजस्व विभाग व उद्योग एवं वाणिज्य विभाग में कुछ विवाद उत्पन्न हुआ।

    इस कारण उद्यमियों को जमीन का कब्जा नहीं मिला। महाजन ने कहा कि उद्यमियों ने विभाग को जमीन के प्रीमियम का भुगतान भी कर दिया और कोर्ट में रजिस्ट्री भी हो गई लेकिन जमीन का कब्जा न मिलने के कारण उद्योग शुरू नहीं हो पाए। महाजन ने कहा कि सालों तक वे विभाग के पास चक्कर काटते रहे और अब करीब डेढ़ साल पहले उद्यमियों को जमीन का कब्जा मिला।

    उद्योग शुरू करने में देरी की वजह भी प्रशासन

    जमीन का कब्जा मिलने के बाद उद्यमियों ने जब उद्योग लगाना चाहा तो विभाग ने अनुमति देने से इंकार करते हुए कहा कि उनकी रजिस्ट्रेशन की अवधि समाप्त हो चुकी है, लिहाजा उन्हें नए सिरे से आवेदन करना पड़ेगा। ललित महाजन ने कहा कि उद्योग शुरू करने में देरी होने की वजह भी प्रशासन था और इसमें उद्यमियों का कोई दोष नहीं था।

    इसके बावजूद उनका रजिस्ट्रेशन रिन्यू करने की बजाय मामला एपेक्स कमेटी के पास भेज दिया गया। महाजन ने कहा कि अब पिछले डेढ़ साल से एपेक्स कमेटी की बैठक नहीं हुई और करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी उद्यमी उद्योग शुरू करने की अनुमति नहीं मिली।

    उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल से उद्यमी जम्मू-कश्मीर के मुख्य सचिव समेत सभी अधिकारियों, उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री से भी गुहार लगा चुके हैं लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। ऐसे में उद्योग को गति कहा से मिलेगी?