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    मां वैष्णो देवी कटड़ा में बंद-हड़ताल समाप्त, प्रशासन के लिखित आश्वासन के बाद बनी सहमति; रोका गया रोपवे का निर्माण

    Updated: Wed, 01 Jan 2025 07:12 AM (IST)

    कटड़ा में पिछले सात दिन से जारी बंद व हड़ताल मंगलवार देर रात को समाप्त हो गई। इसकी घोषणा कटड़ा पहुंचे जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर (मंडलायुक्त) और संघर्ष समिति के सदस्यों ने की। वहीं यात्रा मार्ग पर रोपवे परियोजना को लेकर समिति के सदस्यों व अन्य लोगों के साथ समग्र बात होने तक इसका निर्माण बंद रखने पर सहमति बनी।

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    कटड़ा में पिछले सात दिन से जारी बंद व हड़ताल मंगलवार देर रात को समाप्त हो गई (फाइल फोटो)

     जागरण संवाददाता, कटड़ा। आखिरकार प्रशासन की ओर से लिखित आश्वासन मिलने के बाद कटड़ा में पिछले सात दिन से जारी बंद व हड़ताल मंगलवार देर रात को समाप्त हो गई। इसकी घोषणा कटड़ा पहुंचे जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर (मंडलायुक्त) और संघर्ष समिति के सदस्यों ने की।

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    रोपवे निर्माण बंद रखने पर सहमति बनी

    दोनों के बीच लगभग ढाई घंटे चली बैठक में हिरासत में लिए गए समिति के सभी 18 सदस्यों को बिना शर्त रिहा करने, यात्रा मार्ग पर रोपवे परियोजना को लेकर समिति के सदस्यों व अन्य लोगों के साथ समग्र बात होने तक इसका निर्माण बंद रखने पर सहमति बनी।

    इसके साथ ही समिति के सदस्यों को रिहा करने की मांग को लेकर कटड़ा बस स्टैंड पर भूख हड़ताल पर बैठे युवाओं ने भी अपनी हड़ताल समाप्त करने का एलान कर दिया। अब बुधवार सुबह नव वर्ष के पहले दिन कटड़ा व यात्रा मार्ग पर सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान खुलने के साथ श्रद्धालुओं को घोड़ा, पिट्ठू व पालकी सेवाएं मिलना शुरू हो जाएंगी।

    श्रद्धालुओं व व्यापारी वर्ग ने भी ली राहत की सांस

    हड़ताल समाप्त होने से स्थानीय लोगों, व्यापारी वर्ग और श्रद्धालुओं ने राहत की सांस ली। चूंकि लगातार सात दिन तक बंद व प्रदर्शन से जहां व्यापारी वर्ग को नुकसान उठाना पड़ रहा था, वहीं श्रद्धालु भी परेशान थे। नववर्ष के इस समय मां वैष्णो देवी में दर्शन करने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है। हड़ताल खत्म होने से अब श्रद्धालुओं को घोड़ा, पिट्ठू व पालकी सेवा फिर से मिहलने लगेगी।

    क्या है पूरा मामला

    श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यात्रा मार्ग पर रोवपे परियोजना बना रहा है। बोर्ड का कहना है कि इस परियोजना से विशेषकर बुजुर्गों व दिव्यांग श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी। वहीं, स्थानीय संघर्ष समिति का तर्क है कि इस परियोजना से कई घोड़ा, पिट्ठू, पालकी वाले व यात्रा से जुड़े लोग बेरोजगार हो जाएंगे और यह परियोजना आस्था से भी खिलवाड़ है।

    इसी मुद्दे पर बोर्ड व संघर्ष समिति आमने-सामने हैं और समिति के करीब 18 सदस्यों को हिरासत में भी लिया गया है। इस मामले में राजनीति भी गर्म है। संघर्ष समिति ने पहले 72 घंटे के बंद का आह्वान किया था। इसके बाद बंद को तीन बंद बढ़ाया गया।

    सोमवार बंद के अंतिम दिन शालीमार पार्क में प्रशासन तथा श्राइन बोर्ड के खिलाफ प्रदर्शन जारी रहा। इस दौरान स्थानीय भाजपा विधायक बलदेव राज शर्मा व नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष विमल इंदू आदि भी प्रदर्शन में शामिल हुए।

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