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Jammu : झील में तब्दील हो गया बाग-ए-भौर, म्यूजिकल फाउंटेन को भी नुकसान

बिलोल में इस बार जितना पानी आया है इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। बलवीर ¨सह गुरमीत ¨सह अमित शर्मा लकी शर्मा आदि ने कहा कि वे बिलोल नदी के दोनों किनारों पर वर्षो से पक्का बांध बनाने की मांग कर रहे हैं लेकिन प्रशासन नहीं सुन रहा है।

By Edited By: Published: Fri, 12 Aug 2022 07:22 AM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2022 07:24 AM (IST)
Jammu : झील में तब्दील हो गया बाग-ए-भौर, म्यूजिकल फाउंटेन को भी नुकसान
गुज्जर समुदाय के बाजदीन ने बताया कि बाढ़ में उसकी बकरियां बह गई और छह कुल्ले क्षतिग्रस्त हो गए।

जागरण संवाददता, जम्मू : बुधवार मध्यरात्रि से वीरवार दोपहर तक जारी मूसलधार वर्षा से भौर कैंप स्थित बाग-ए-भौर में भी भारी तबाही हुई। जम्मू एयरपोर्ट से तीन किलोमीटर दूर करीब 250 कनाल जमीन में बने इस खूबसूरत पार्क में लगभग सजी सजावटी पौधे बारिश से तबाह हो गए। पार्क में एक फुट तक बारिश का पानी जमा हो गया।

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पार्क में लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने वाले रंग-बिरंगे पौधे बारिश से खराब हो गए। इस पार्क के बीचों बीच बने म्यूजिकल फाउंटेन को भी बारिश से नुकसान पहुंचा है। पार्क में बने रोज गार्डन बारिश के पानी में समा गया। पार्क में पानी की उचित निकासी नहीं होने के कारण पार्क में बारिश का पानी जमा हो गया और कई जगहों पर पार्क की बैरिकेडिंग भी टूट गई।

बारिश से इस पार्क को जिस तरह का नुकसान पहुंचा है, उसे ठीक करने व दोबारा से लोगों के लिए खोलने में शायद महीनों का समय लग जाए। बिलोल की बाढ़ में बह गए गुज्जरों के कई कुल्ले और 10 बकरियां संवाद सहयोगी, मीरां साहिब: मूसलधार बारिश से बिलोल नाले में पानी का जलस्तर काफी बढ़ गया। इससे उसके किनारे रह रहे गुज्जर समुदाय के कई कुल्ले और वहां बांधी गई 10 बकरियां पानी में बह गई।

पुलिस की रेस्क्यू टीम ने गुज्जर समुदाय के लोगों को वहां से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा। वीरवार सुबह करीब बाठ बजे बिलोल नाले में पुराने बलोल पुल की रे¨लग तक पानी पहुंच चुका था। ऐसे में इसके किनारे आबाद बस्तियों और फ्लोरीकल्चर गार्डन के कुछ हिस्सों में पानी घुस गया। गुज्जर समुदाय के बाजदीन ने बताया कि बाढ़ में उसकी बकरियां बह गई और छह कुल्ले क्षतिग्रस्त हो गए।

बिलोल में इस बार जितना पानी आया है, इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। बलवीर सिंह, गुरमीत सिंह, अमित शर्मा, लकी शर्मा आदि ने कहा कि वे बिलोल नदी के दोनों किनारों पर वर्षो से पक्का बांध बनाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन नहीं सुन रहा है।


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