Amarnath Yatra: छड़ी मुबारक के दर्शन के साथ कल संपन्न होगी बाबा अमरनाथ यात्रा, लंगर आर्गेनाइजेशन ने उठाए सवाल
अमरनाथ यात्रा पवित्र छड़ी मुबारक के दर्शन के साथ संपन्न हुई। महंत दीपेंद्र गिरी के नेतृत्व में छड़ी मुबारक शेषनाग से पंजतरणी पहुंची फिर पवित्र गुफा में प्रवेश किया। यात्रा 4 अगस्त को शुरू हुई थी जिसमें 4.13 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। लंगर आर्गेनाइजेशन ने यात्रा के समय से पहले समापन पर सवाल उठाए और श्रद्धालुओं के अधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया।

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा पवित्र छड़ी मुबारक के दर्शन के साथ ही रक्षा बंधन वाले दिन शनिवार को संपन्न होगी। दशनामी अखाड़ा के महंत दीपेंद्र गिरी के संरक्षण और नेतृत्व में श्री अमरनाथ जी की पवित्र छड़ी मुबारक आज शेषनाग से पंजतरणी पहुंच गई।
शनिवार सुबह पंजतरणी से पवित्र गुफा पहुंचेगी। पवित्र छड़ी मुबारक के पवित्र गुफा में प्रवेश के साथ ही तीर्थयात्रा का मुख्य दर्शन और मुख्य पूजन का विधान है। पवित्र छड़ी मुबारक के पवित्र गुफा से बाहर आने के साथ ही वार्षिक तीर्थयात्रा को संपन्न होगी।पवित्र छड़ी मुबारक गत चार अगस्त को दशनामी अखाड़ा श्रीनगर से श्री अमरनाथ जी की गुफा के लिए रवाना हुई थी।
प्रशासन ने तीन अगस्त से यात्रा के दोनों मार्गों पर मरम्मत कार्यों का हवाला देते हुए यात्रा को निलंबित कर दिया था। अब तक करीब 4.13 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र गुफा के दर्शन किए है।
साल 2011 से लेकर अब तक पांचवीं बार है जब यात्रा ने चार लाख का आंकड़ा पार किया है। हालांकि पहलगाम आतंकी हमले के बाद कश्मीर में पर्यटकों की संख्या में भारी कमी आ गई थी। भारत व पाक के बीच तनाव बढ़ गया। इस हालात के बाद बाबा अमरनाथ यात्रा शुरु हुई और श्रद्धालुओं में भारी उत्साह नजर आया।
लंगर आर्गेनाइजेशन ने बाबा अमरनाथ यात्रा का समय से पहले समापन करने पर उठाए सवाल
श्री अमरनाथ बर्फानी लंगर आर्गेनाइजेशन ने आरोप लगाया है कि बाबा अमरनाथ यात्रा का समापन निर्धारित समय से पहले ही कर दिया। यह श्रद्धालुओं के अधिकारों, परंपराओं व आस्था का उल्लंघन है। आर्गेनाइजेशन के प्रधान राजन गुप्ता ने इस संबंध में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता व अन्य को पत्र भी लिखे है।
जारी प्रेस विज्ञप्ति में आर्गेनाइजेशन ने कहा है कि 2019 से पहले यात्रा हमेशा निर्धारित तिथि तक चलती थी और हर श्रद्धालुओं को पूर्ण भागीदारी का अवसर मिलता था परंतु 2019 के बाद कोरोना के कारण दो बार यात्रा स्थगित रही। उन्होंने कहा कि बोर्ड द्वारा मौसम खराब होना, रास्ता क्षतिग्रस्त होना या सुरक्षा कारण के तर्क दिए जाते हैं लेकिन उनके पीछे स्पष्ट प्रमाण और पारदर्शिता का अभाव है। यदि रास्ता क्षतिग्रस्त है तो सेवादार और भंडारा सामग्री उसी रास्ते से कैसे लौटते हैं।
छड़ी मुबारक और संत महात्मा अधिकारी इस मार्ग से कैसे यात्रा करते हैं। यह कहा गया है कि अचानक यात्रा बंद होने से श्रद्धालुओं की हवाई, रेल टिकट, आवास व विभिन्न सेवाओं की बुकिंग व्यर्थ हो जाती है लंगर संगठनों को खाद्य सामग्री के नष्ट होने, कैंप हटाने और परिवहन खर्च का नुकसान होता है। स्थानीय पाेनी वाले, पालकी वाले व अन्य विक्रेता और मौसमी आमदनी से वंचित हो जाते हैं।
आर्गेनाइजेशन ने मांग की है कि किसी भी पूर्ण समापन निर्णय की कम से कम 15 दिन पहले सार्वजनिक सूचना दी जाए। प्रत्येक पंजीकृत श्रद्धालुओं को भरपाई के लिए दस हजार, लंगर संगठन को 5 लाख, पोनी व पालकी वाले व पिट्ठ वाले को दस हजार रुपये की सहायता दी जाए।
बताते चलें कि प्रशासन ने तीन अगस्त से बाबा अमरनाथ यात्रा को निलंबित कर दिया था। प्रशासन ने यात्रा के दोनों मार्गों पर मरम्मत की बात कही थी।
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