Jammu Kashmir : ई-गवर्नड विजिलेंस क्लीयरेंस सिस्टम के लिए जम्मू कश्मीर को अवार्ड
सरकारी सेवाओं को आनलाइन किया गया। तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बदलाव किए गए। अवार्ड जम्मू कश्मीर सरकार की उपलब्धि है। विभिन्न श्रेणियों में देश भर से 22 ...और पढ़ें

जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर सरकार ने फेडरेशन आफ इंडियन चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्री से ई-गवर्नड विजिलेंस क्लीयरेंस सिस्टम प्रयासों के लिए स्मार्ट पालिसिंग अवार्ड 2021 हासिल किया है। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की देखरेख जम्मू कश्मीर में स्मार्ट डिजिटल प्रयास शुरू करते हुए विजिलेंस क्लीयरेंस सिस्टम को लागू किया गया। इसे सामान्य प्रशासनिक विभाग ने मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता की देखरेख में शुरू किया था।
सरकारी सेवाओं को आनलाइन किया गया। तकनीक का इस्तेमाल करते हुए बदलाव किए गए। अवार्ड जम्मू कश्मीर सरकार की उपलब्धि है। विभिन्न श्रेणियों में देश भर से 2200 नामांकन पत्र प्राप्त किए गए थे। ई-गवर्नड अवार्ड 19 अवार्ड में था। सामान्य प्रशासनिक विभाग और एंटी करप्शन ब्यूरो ने सिस्टम को प्रभावी करते हुए पारदर्शिता लाई। विजिलेंस क्लीयरेंस सिस्टम ने सरकारी कर्मचारियों को कम समय में एनओसी या विजिलेंस क्लीयरेंस उपलब्ध करवाने की दिशा में कदम उठाए।
विभागों ने विभागीय पदोन्नति बैठकें की, पासपोर्ट के लिए एनओसी जारी की , स्टडी लीव को मंजूरी दी। सात हजार कर्मियों की पदोन्नतियां व नियमित किया गया। सामान्य प्रशासनिक विभाग ने क्लीयरेंस सिस्टम को विकसित किया था। जुलाई 2021 से लेकर सामान्य प्रशासनिक विभाग 45 हजार विजिलेंस क्लीयरेंस जारी करने में सफल रहा।
अवार्ड नई दिल्ली में फेडरेशन हाउस में प्रदान किया गया। सरकार की तरफ से एंटी करप्शन ब्यूरो के निदेशक आनंद जैन, कश्मीर विवि के आइटी के निदेशक डा. मारूफ नईम और सामान्य प्रशासनिक विभाग में उप सचिव विजिलेंस डा. मोहम्मद उस्मान खान ने हासिल किया।
अनुसंधान की मांग तेजी के साथ बढ़ रही है : उपराज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर ने शुक्रवार को कहा कि स्वास्थ्य सेवा में उन्नत अनुसंधान की मांगों में पिछले एक दशक से बहुत तेजी आई है और भारत चिकित्सा विज्ञान में इसमें महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। सलाहकार ने श्रीनगर के एसकेआईसीसी में दो दिवसीय वार्षिक क्यूटिकान 2022 का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। कित्सा पेशेवरों और शोधकर्ताओं को संबोधित करते हुएए सलाहकार ने कहा कि यह सम्मेलन इस वर्ष विशेष महत्व खता है क्योंकि यह कुछ वर्षों के अंतराल के बाद कोविड-19 महामारी के कारण आयोजित किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार के निरंतर समर्थन के साथ फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और लोक सेवकों और स्वयंसेवी संगठनों के अथक प्रयासों के कारण हम आज यहां महामारी के बाद खड़े हैं। अपनी पिछली शैक्षणिक और अन्य गतिविधियों में वापस लौट रहे हैं।सलाहकार ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में इसकी उप शाखाओं के साथ त्वचा विज्ञान, वेनेरोलॉजी और कुष्ठ रोग तेजी से बढ़ रहे हैं और इससे जुड़ी सेवाओं और अनुसंधान की मांग भी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा की अन्य शाखाओं के साथ-साथ त्वचा विज्ञान के क्षेत्र का मानव जीवन और मानवता की सेवा पर सीधा प्रभाव पड़ता है। इसलिए यह आवश्यक है कि इस क्षेत्र में सेवाएं वैज्ञानिक और नैतिक विचारों की सीमा के भीतर दी जाएं।

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