आतंकियों की खैर नहीं... सेना के बेड़े में शामिल हुईं 'अस्मि' पिस्तौल, दिखने में छोटी मगर खूबियां चौंका देंगी
Asmi Pistol भारतीय सेना के बेड़े में स्वदेशी अस्मि पिस्तौलें शामिल हुई हैं। ये दिखने में छोटी हैं लेकिन खूबियां किसी मशीन गन से कम नहीं। इन्हें जरूरत के हिसाब से पिस्तौल या सब-मशीन गन की तरह इस्तेमाल किया जा सकता हैं। ये गन आतंकवाद विरोधी अभियानों में कारगर होंगी। इन्हें उत्तरी कमान मुख्यालय उधमपुर में सेना को सौंपी गई हैं।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। कभी अमरीकी सेना के हथियारों के बेड़े का हिस्सा रही अस्मि मशीन पिस्तौलें अब जम्मू कश्मीर में आतंकवाद विरोधी अभियानों को धार देंगी। इन्हें जरूरत के हिसाब से पिस्तौल या सब मशीन गन की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है।
देश में निर्मित 550 अस्मि मशीन पिस्तौलों को सेना की उत्तरी कमान में शामिल किया गया है। अस्मि मशीन पिस्तौल के साथ अटैचमेंट कर इसे सब-मशीन गन बना दिया जाता है। जरूरत पड़ने पर इसे अटैचमेंट से अलग कर पिस्तौल की तरह इस्तेमाल करना संभव है।
सेना की उत्तरी कमान केंद्र शासित प्रदेशों में जम्मू कश्मीर के साथ लद्दाख की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रही है। देश में इन अस्मि मशीन पिस्तौलों का इस्तेमाल प्रतिबंध लगने से पहले अमेरिकी में हो चुका है। ये पिस्तौलें उत्तरी कमान मुख्यालय उधमपुर में सेना को सौंपी गई हैं।
उत्तरी कमान की स्पेशल फोर्स इस्तेमाल करेगी
आत्मनिर्भरता अभियान को बढ़ावा देने के लिए देश में बनाई गई ये पिस्तौलें उत्तरी कमान के स्पेशल फोर्स के विशेष अभियानों के दौरान इस्तेमाल की जाएंगी। क्लोज क्वॉर्टर बैटल के लिए उपयुक्त ये पिस्तौलें ऐसे हालात में कारगर होती यहां आतंकी बिलकुल पास आ गए हों।
आतंकियों से हाथों-हाथ लड़ाई की स्थिति में बड़ी बंदूके चलाना मुश्किल हो जाता है व कम जगह होने से छोटा हथियार काम आता है।
भारतीय सेना ने एक्स पर लिखा है कि देश में आत्मनिर्भरता की दिशा में बड़ी पहल के तहत भारतीय सेना ने उत्तरी कमान में 550 अस्मि मशीन पिस्तौल शामिल की हैं।
हैदराबाद में की गई हैं तैयार
भारतीय सेना के कर्नल प्रसाद बंसोड़ न इस हथियार का निमार्ण डिफेंस रिसर्च एंड डेवेलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन-डीआरडीओ के सहयोग से किया है। इन्हें हैदराबाद में लोकेश मशीन लिमिटेड द्वारा तैयार किया जा रहा है।
इन मशीन पिस्तौलों को तैयार करने वाली लोकेश मशीन्स उन 19 भारतीय फर्मों में से एक है, जिन्हें 30 अक्टूबर को अमेरिकी सरकार ने रूसी कंपनियों के साथ व्यापार करने के लिए प्रतिबंधित कर दिया था।
अमेरिकी सरकार ने युक्रेन से युद्ध लड़ रहे रूस का औद्योगिक समर्थन देने वाली भारतीय कंपनियों के साथ लगभग 400 संस्थाओं व व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया था।
जांच-परखने के बाद बेड़े में हुईं शामिल
सेना की उत्तरी कमान में ऑपरेशनल तैयारियों को तेजी देने के लिए आधुनिक हथियार सेना के बेड़े में शामिल किए जा रहे हैं। ऐसे में भारतीय सेना ने स्वदेशी मशीन पिस्तौलों को जांचने, परखने के बाद उन्हें सेना की उत्तरी कमान के बेड़े में शामिल करने का फैसला किया था।
उत्तरी कमान में अकसर ऐसे कार्यक्रम होते हैं यह पर हथियार, गोली, बारूद, ड्रोन, अन्य साजो सामान बनाने वाली कंपिनयां अपने हथियार, उपकरण प्रदर्शित करती हैं। इनमें से जरूरत के हिसाब से कई हथियारों, उपकरणों को निजी कंपनियों से खरीद कर आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया जाता है।
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