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    सऊदी अरब से कश्मीर में आतंकी नेटवर्क चला रहा डार आतंकी घोषित, प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी पर भी कसा शिकंजा

    By Jagran NewsEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Sun, 08 Jan 2023 09:26 AM (IST)

    Jammu Kashmir News श्रीनगर के मेडिकल कालेज से एमबीबीएस करने वाला आसिफ वर्ष 2009 से लेकर 2014 की शुरुआत तक जम्मू कश्मीर की मुख्यधारा की सियासत में भी स ...और पढ़ें

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    सऊदी अरब से कश्मीर में आतंकी नेटवर्क चला रहा डार आतंकी घोषित (फाइल फोटो)

    नई दिल्ली/जम्मू, एएनआइ/ब्यूरो। गृह मंत्रालय ने शनिवार को हिजबुल मुजाहिदीन के सदस्य डा. आसिफ मकबूल डार को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत आतंकवादी के रूप में नामित किया है। जम्मू-कश्मीर का निवासी डार वर्तमान में सऊदी अरब में रहता है और वहीं से वादी में आतंकी नेटवर्क चला रहा है।

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    डार के खिलाफ दर्ज हैं हत्या और राष्ट्रविरोधी गतिवधियों के कई मामले

    डार के खिलाफ श्रीनगर में हत्या और राष्ट्रविरोधी गतिवधियों के कई मामले दर्ज हैं। वह कश्मीर में टार्गेट किलिंग और आतंकी संगठन टीआरएफ की गतिविधियों को आगे बढ़ाता रहा है। आसिफ मकबूल डार के प्रत्यर्पण के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस ने वर्ष 2020 में प्रक्रिया शुरू की थी। उसके खिलाफ वर्ष 2020 में श्रीनगर के कोठीबाग पुलिस स्टेशन में हत्या और राष्ट्रविरोधी गतिवधियों के मामले दर्ज किए गए थे।

    डार का छोटा भाई था आतंकी

    आसिफ मकबूल डार ने सऊदी अरब में अपने साथ काम करने वाले एक कश्मीर युवक को घाटी भेजा था, ताकि वह टार्गेट किलिंग और टीआरएफ की गतिविधियों को आगे बढ़ाए। वह इंटरनेट मीडिया पर अक्सर भारत विरोधी भावनाओं को भड़काने में सक्रिय रहता है। मूलत: उत्तरी कश्मीर में जिला बारामुला का रहने वाले आसिफ ने शुरुआती पढ़ाई श्रीनगर के एक प्रतिष्ठित मिशनरी स्कूल से की है। उसका एक छोटा भाई आतंकी था, जो वर्ष 2002 में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।

    डार ने कश्मीर छोड़ा और सऊदी चला गया

    श्रीनगर के मेडिकल कालेज से एमबीबीएस करने वाला आसिफ वर्ष 2009 से लेकर 2014 की शुरुआत तक जम्मू कश्मीर की मुख्यधारा की सियासत में भी सक्रिय रहा। वह पीपुल्स कांफ्रेंस के वरिष्ठ नेताओं में एक था। नौकरी मिलने पर उसने कश्मीर छोड़ा और सऊदी चला गया। उसकी पत्नी भी डाक्टर है। उसके माता-पिता व परिवार के अन्य सदस्य श्रीनगर के बाहरी क्षेत्री बेमिना-एचएमटी में रहते हैं। बीते दिनों प्रदेश जांच एजेंसी और राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने भी उसके स्वजन से पूछताछ की थी।

    प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी पर कसा शिकंजा

    कश्मीर में आतंकियों और अलगाववादियों के वित्तीय नेटवर्क को ध्वस्त करने के अभियान को जारी रखते हुए प्रदेश जांच एजेंसी (एसआइए) ने शनिवार को एक और बड़ी कार्रवाई की। एसआइए ने आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन का संरक्षक कहे जानी वाले प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी के एक दोमंजिला मकान समेत करीब 64 कनाल (आठ एकड़) जमीन जब्त की। इसमें 56 कनाल (सात एकड़) कृषि भूमि है। जब्त संपत्ति की कीमत करोड़ों रुपये में आंकी गई है।

    प्रशासन ने संपत्तियों को किया जब्त

    एसआइए ने जिला अनंतनाग के सिरहामा, विड्डी सिरीगुफवारा और अरवनी में प्रतिबंधित जमात-ए-इस्लामी की कुछ और संपत्तियों का पता लगाते हुए उन्हें जब्त करने के लिए संबंधित प्रशासन को सिफारिश की थी। प्रशासन ने गैर कानूनी गतिविधियों की रोकथाम अधिनियम के विभिन्न प्रविधानों के तहत इन संपत्तियों को जब्त करने का निर्देश दिया। इसके बाद सुबह एसआइए और राजस्व विभाग के एक संयुक्त कार्यदल ने सिरहामा में सात मरला जमीन संग एक दोमंजिला मकान, 56 कनाल कृषि भूमि के अलावा विड्डी औार अरवनी में दो कनाल सात मरला का एक भूखंड, तीन कनाल चार मरला एक भूखंड और डेढ़ कनाल एक भूखंड जब्त किया है। प्रशासन ने जब्त की गई संपत्ति पर बिना अनुमति किसी के भी प्रवेश पर रोक लगा दी है।

    2019 में किया गया था प्रतिबंधित

    बता दें कि जमात-ए-इस्लामी को उसकी राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में सलिंप्तता के आधार पर फरवरी 2019 में प्रतिबंधित किया गया था। एसआइए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूरे प्रदेश में जमात-ए-इस्लामी की 188 नामी बेनामी परिसंपत्तियों को चिह्नित किया गया है। इनकी कीमत एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा है। इन सभी को जब्त किए जाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जा रहा है। यह प्रक्रिया 10 नवंबर 2022 को जिला शोपियां में जमात की लगभग 2.58 करोड़ की चल अचल संपत्ति को जब्त करने के साथ शुरू हुई थी। अनंतनाग, कुलगाम, श्रीनगर, बड़गाम, बारामुला और कुपवाड़ा में भी करोड़ों रुपये मूल्य की जमात की संपत्ति को जब्त किया जा चुका है। इनमें अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी का मकान भी है।

    रजनी बाला का हत्यारा मीर भी घोषित हुआ है आतंकी

    इससे पहले गृह मंत्रालय ने लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य अरबाज़ अहमद मीर को महिला शिक्षक रजनी बाला की हत्या सहित जम्मू-कश्मीर में कई हत्याओं में शामिल होने के लिए आतंकवादी के रूप में नामित किया है। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार देर रात एक अधिसूचना के माध्यम से यह घोषणा की थी कि जम्मू-कश्मीर से ताल्लुक रखने वाला मीर वर्तमान में पाकिस्तान में रह रहा है और सीमा पार से लश्कर के लिए काम कर रहा है। वह कश्मीर घाटी में आतंकवाद के समन्वय में भी शामिल है और सीमा पार से अवैध हथियारों, गोलाबारूद की तस्करी में शामिल है। जम्मू की रजनी बाला की 31 मई, 2022 को कुलगाम जिले में गोपालपोरा के सरकारी हाई स्कूल के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।