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    India China Border : दुस्साहस का जवाब देने साजो-सामान सहित अब पल में सीमा पर पहुंचेगी सेना

    By vivek singhEdited By: Rahul Sharma
    Updated: Sat, 29 Oct 2022 10:05 AM (IST)

    यह लद्दाख को देश का पहला कार्बन न्यूट्रल प्रदेश बनाने के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने की दिशा में अहम प्रयास है। इस आवासीय सुविधा में 57 कर्मी अत्याधिक ठंड में आराम से रह सकते हैं। यह आवास सर्दियों में गर्म रहेगा।

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    आजादी के बाद जम्मू कश्मीर में विकास के बुनियादी ढांचे का ना होना एक बड़ी समस्या रहा है।

    जम्मू, राज्य ब्यूरो : पाकिस्तान के साथ लगती नियंत्रण रेखा (एलओसी) हो या चीन से सटी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी), अब अगर दुश्मन ने कोई भी दुस्साहस किया तो भारतीय सेना पलभर में पूरे साजो-सामान के साथ मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अग्रिम क्षेत्र में मुस्तैद नजर आएगी।

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    केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को पूर्वी लद्दाख के श्योक इलाके से सीमा सड़क संगठन की ओर से देशभर के सीमांत क्षेत्रों में बनाए गए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण 75 प्रोजेक्ट देश को समर्पित किए। रक्षामंत्री ने छह राज्यों व दो केंद्र शासित प्रदेशों में 2180 करोड़ रुपये से तैयार 45 पुल, 27 सड़कें, लद्दाख में दो हेलीपैड के साथ पहले कार्बन न्यूट्रल हैबिटैट (सौर ऊर्जा से संचालित आवास) का ई-उद्घाटन किया।

    इसके साथ उन्होंने थ्री डी प्रिंटिंग तकनीक से चंडीगढ़ में बनने जा रहे हिमांक एयर डिस्पैच व लेह में सीमा सड़क संगठन के म्यूजियम का भी वर्जुअल नींव पत्थर रखा। इस मौके पर राजनाथ ने सेना के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने को प्राथमिकता करार देते हुए कहा कि हमारी कोशिश है कि दूरदराज सीमांत इलाकों को अच्छी सड़कों व पुलों के साथ देश से जोड़कर उनका विकास किया जाए।

    पहला कार्बन न्यूट्रल हैबिटैट भी देश को समर्पित किया : राजनाथ सिंह ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब दौलत बाग ओल्डी इलाके में श्योक नदी पर बने रणनीतिक रूप से अहम 120 मीटर लंबे श्योक सेतु का उद्घाटन किया। इस पुल से होकर सेना चीन से सटे इलाकों में किसी भी प्रकार की चुनौती का सामना करने के लिए जल्द पहुंच सकेगी। उच्चतम इलाकों में तैनात सैनिकों को बेहतर आवासीय सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए रक्षामंत्री ने हानले इलाके में 19 हजार फीट की ऊंचाई पर सीमा सड़क संगठन का पहला कार्बन न्यूट्रल हैबिटैट भी देश को समर्पित किया।

    जम्मू कश्मीर में विकास के बुनियादी ढांचे का ना होना एक बड़ी समस्या रहा : यह लद्दाख को देश का पहला कार्बन न्यूट्रल प्रदेश बनाने के प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने की दिशा में अहम प्रयास है। इस आवासीय सुविधा में 57 कर्मी अत्याधिक ठंड में आराम से रह सकते हैं। यह आवास सर्दियों में गर्म रहेगा। इसके अलावा रक्षामंत्री ने पूर्वी लद्दाख में हानले व थकुंग में भारतीय वायुसेना के लिए बनाए गए दो हेलीपैड, केंद्रीय राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह के ऊधमपुर-डोडा संसदीय क्षेत्र में बने सात पुलों तथा जम्मू-पुंछ के सांसद जुगल किशोर के संसदीय क्षेत्र जम्मू के सतवारी-मंडवाल-मकवाल सड़क का भी ई-उद्घाटन किया। पुरानी सरकारों को घेरते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि आजादी के बाद जम्मू कश्मीर में विकास के बुनियादी ढांचे का ना होना एक बड़ी समस्या रहा है। इस प्रदेश में पर्यटकों की आमद कम हुई, जिसका सीधा प्रभाव लद्दाख पर पड़ा।

    वीडियो कांफ्रेंसिंग से मुख्यमंत्रियों और सांसदों के साथ की बात : राजनाथ सिंह ने विभिन्न राज्यों में बने प्रोजेक्टों का ई-उद्घाटन करने के साथ वहां के मुख्यमंत्रियों व सांसदों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बातचीत भी की। इस कार्यक्रम में डा. जितेंद्र सिंह दिल्ली से तथा जम्मू-पुंछ के सांसद जुगल किशोर जम्मू से जुड़े। रक्षामंत्री ने जोर दिया कि जनप्रतिनिधि अपने इलाके में बीआरओ की उपलब्धियां उजागर करें। जितेंद्र सिंह व जुगल किशोर ने कहा कि इन प्रोजेक्टों से दूरदराज इलाकों में विकास को तेजी मिलेगी और अर्थव्यवस्था में सुधार होगा।रक्षामंत्री ने सीमा सड़क संगठन की देश की सीमाओं के पास बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के लिए सराहना की। रक्षामंत्री ने कहा कि सीमांत क्षेत्रों का विकास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकता है। जम्मू कश्मीर व लद्दाख के दो दिवसीय दौरे के दौरान रक्षामंत्री ने अग्रिम इलाकों की सुरक्षा तैयारियों का भी जायजा लिया। वह शाम करीब चार बजे दिल्ली रवाना हो गए।