आर्मी कमांडर ने सैनिकों को दिए कड़े निर्देश, कहा- 'कड़ी सर्तकता से नाकाम करें देश के दुश्मनों के मंसूबे'
उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने सैनिकों को देश के दुश्मनों के मंसूबों को नाकाम करने के लिए कड़ी सतर्कता बरतने के निर्देश द ...और पढ़ें

आर्मी कमांडर आतंकियों की गतिविधियों व भविष्य की संभावित रणनीतियों पर भी चर्चा की। फाइल फोटो।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। सेना की उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने सैनिकों को जम्मू संभाग के आतंक ग्रस्त इलाकों में कड़ी सर्तकता से देशविरोधी तत्वों के मंसूबों को नाकाम बनाने के निर्देश दिए हैं।
आर्मी कमांडर ने जम्मू संभाग के किश्तवाड़ व उधमपुर जिलों के संवेदनशील क्षेत्रो छात्रु व बसंतगढ़ का दौरा कर सुरक्षा हालात, आतंकरोधी अभियानों व की जा रही आपरेशनल तैयारियों की गहन समीक्षा की। इन क्षेत्रों में बीते कुछ वर्षों के दौरान कई आतंकी गतिविधियाँ दर्ज की गई हैं। इसे ध्यान में रखते हुए सेना ने इन इलाकों में लगातार सतर्कता व सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाया है।
दौरे के दौरान सेना कमांडर ने जमीनी स्तर पर तैनात अधिकारियों व जवानों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श कर जमीनी हालात के बारे में जानकारी ली। उन्होंने मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों, आतंकियों की गतिविधियों व भविष्य की संभावित रणनीतियों पर गहरी चर्चा की।
रक्षा प्रवक्ता ने मंगलवार को एक्स पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने छात्रु व बसंतगढ़ में तैनात सैन्य इकाइयों की आतंकरोधी ग्रिड का जायजा लिया। उन्होंने फील्ड कमांडरों के साथ बैठकों में क्षेत्र की सुरक्षा संरचना को और सुदृढ़ करने व शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ठोस कदमों पर विस्तृत रूप से विचार किया।
इसी बीच आर्मी कमांडर ने जवानों की कड़ी मेहनत, नेतृत्व क्षमता व उभरते खतरों का साहसपूर्वक सामना करने की प्रतिबद्धता की भी सराहना की। उन्होंने सेना, सुरक्षा बलों को लगातार उच्च सतर्कता बनाए रखने व स्थानीय आबादी के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने पर भी जोर दिया।
आर्मी कमांडर का यह दौरा सुरक्षा तंत्र को मजबूत करने व आगामी आपरेशनों की दिशा तय करने में अहम साबित होगा।
आर्मी कमांडर पिछले कुछ समय से लगातार दौरा कर सीमा व आतंक प्रभावित इलाकों में तैनात सैनिकों का मनोबल बढ़ा रहे हैं। उन्होंने जम्मू कश्मीर के साथ लद्दाख के विभिन्न सेक्टरों के दौरे कर सेना की ऑपरेशनल तैयारियों को तेजी दी है। सर्दियों के महीनों में अग्रिम इलाकों में उनके लगातार दौरों से सैनिकों का मनोबल भी उच्च स्तर पर है।

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