LG मनोज सिन्हा और CM उमर अब्दुल्ला से मिले आर्मी कमांडर, मौजूदा सुरक्षा हालात की जानकारी दी
उत्तरी कमान के नए आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा (LG Manoj Sinha) और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (CM Omar Abdullah) से मुलाकात कर जम्मू-कश्मीर के सुरक्षा हालात पर चर्चा की। उन्होंने नियंत्रण रेखा की स्थिति आतंकी अभियानों और संघर्ष विराम के बाद के परिदृश्य पर जानकारी दी।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। सेना की उत्तरी कमान के नए जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने बुधवार को उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भेंट कर उन्हें प्रदेश के मौजूदा सुरक्षा परिदृश्य के बारे में जानकारी दी।
एक अन्य बैठक में उन्होंने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को सुरक्षा हालात के बारे में बताया। उत्तरी कमान का आर्मी कमांडर बनने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा की उपराज्यपाल मनोज सिन्हा व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से यह पहली औपचारिक बैठकें है।
LG से मौजूदा सुरक्षा हालात पर हुई चर्चा
उपराज्यपाल से बैठक में संघर्ष विराम के बाद की स्थिति, सीमा के मौजूदा सुरक्षा हालात पर चर्चा हुई। श्रीनगर राजभवन में हुई इस बैठक में आर्मी कमांडर के साथ सेना की पंद्रह कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव भी मौजूद थे।
उपराज्यपाल से इस बैठक में जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ प्रदेश में आतंकियों के खिलाफ चल रहे सेना के अभियान पर भी विचार विमर्श हुआ है।
उमर अब्दुल्ला ने सेना की सराहना की
इससे पहले आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा ने श्रीनगर में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से भी बैठक कर उन्हें मौजूदा सुरक्षा हालात व नियंत्रण रेखा पर हाल के घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी। इस दौरान सुरक्षा संबंधी अन्य कुछ मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सशस्त्र सेना द्वारा देश की रक्षा करने के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की। इस बैठक में सेना की पंद्रह कोर के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल प्रशांत श्रीवास्तव भी मौजूद थे। उमर अब्दुल्ला ने आर्मी कमांडर से उनकी बैठक को लेकर एक्स पर पोस्ट साझा की है।
पहले इस पद पर तैनात थे आर्मी कमांडर
नए आर्मी कमांडर ने सेना की उत्तरी कमान की जिम्मेदारी एक मई को संभालने से पहले थलसेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी के साथ कश्मीर दौरा कर पहलगाम आतंकी हमले से उपजे हालात का जायजा भी लिया था।
इसके साथ उन्होंने श्रीनगर में गृहमंत्री अमित शाह की बैठक में भी हिस्सा लिया था। उस समय वह दिल्ली में सेना मुख्यालय में डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ (रणनीतिक) के पद पर तैनात थे।
1 मई को उत्तरी कमान की संभाली थी जिम्मेदारी
जब उन्होंने एक मई को उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर की जिम्मेदारी संभाली तो उस समय पहलगाम में आतंकी हमले से उपजे हालात में पाकिस्तान से बदला लेने की मांग जोरशोर से बुलंद थी। ऐसे हालात में आर्मी कमांडर की जिम्मेदारी संभालने के साथ ही उनकी पहली पहली बड़ी चुनौती पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा पर हालात खराब करने की साजिश को नाकाम बनाना था।
उनकी कमान में सेना ने सात मई के बाद जम्मू कश्मीर में पाकिस्तानी सेना की भारी गोलाबारी का मुंहतोड़ जवाब दिया। इसके साथ सेना की एयर डिफेंस यूनिटों पर पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे ड्रोन हमलों को भी लगातार नाकाम बनाया।
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