जम्मू कश्मीर : आपकी जमीन आपकी निगरानी‘ से बढ़ी पारदर्शिता, आसानी से पा सकते हैं भूमि रिकॉर्ड
राजस्व विभाग को लोगों को राजस्व पासबुक जारी करने काे एक तंत्र विकसित करने को कहा गया है जिसमें 26 जनवरी 2022 तक औपचारिक रूप से जारी करने के लिए एक महीने के भीतर उनकी सभी कानूनी भूमि की जानकारी शामिल है।

जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू-कश्मीर सरकार ने सेवा वितरण में सुधार और मौजूदा शासन प्रणाली में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए सुशासन की दिशा में कई कदम उठाए हैं। इन प्रशासनिक सुधारों में से एक है जमीन का ‘आपकी जमीन आपकी निगरानी‘ के साथ डिजिटलीकरण। इससे लोग किसी प्रशासनिक परेशानी के बिना भूमि रिकॉर्ड तक आसानी से पहुंच सकते हैं।
डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत इसे शुरू किया गया। डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड्स आधुनिकीकरण कार्यक्रम को औपचारिक रूप से अप्रैल-2016 में जम्मू-कश्मीर में लैंड रिकॉर्ड सिस्टम तक ऑनलाइन पहुंच में सुधार लाने और भूमि रिकॉर्ड में हेरफेर को रोकने के लिए शुरू किया गया था। राजस्व रिकॉर्ड के 7.70 करोड़ पृष्ठ और 55216 मुसावी स्कैन किए गए हैं। आपकी जमीन आपकी निगरानी‘ के तहत भूमि पास बुक तीन भाषाओं-हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी में उपलब्ध कराई जा रही है ताकि लोगों को आवश्यक जानकारी आसानी से मिल सके।
राजस्व विभाग को लोगों को राजस्व पासबुक जारी करने काे एक तंत्र विकसित करने को कहा गया है, जिसमें 26 जनवरी 2022 तक औपचारिक रूप से जारी करने के लिए एक महीने के भीतर उनकी सभी कानूनी भूमि की जानकारी शामिल है। प्रक्रिया को जम्मू और श्रीनगर के जिलों में 31 मार्च 2022 और अन्य सभी जिलों में 15 अगस्त 2022 तक पूरा किया जाएगा।
केंद्रीय योजनाओं के लिए ऋण की होगी जीएसएस ई पोर्टल से निगरानी : केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत बैंक से ऋण हासिल करने संबंधी दिक्कतों को दूर करने के लिए मुख्यसचिव डा अरूण कुमार मेहता ने शुक्रवार को जम्मू में (गर्वनमेंट स्पांसर स्कीम) जीएसएस ई पोर्टल लांच किया। पंद्रह मार्च तक यह पोर्टल मोबाइल पर भी उपलब्ध होने से लोग घर बैठे बैंक द्वारा ऋण मंजूर करने की दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी ले सकेंगे। पोर्टल का जम्मू में उद्घाटन करते हुए मुख्यसचिव ने कहा कि पोर्टल से लोगों को केंद्र प्रायोजित योजनाओं के तहत ऋण लेने में पिछले काफी समय से आ रही दिक्कतें दूर होंगी। ऋण लेने में दिक्कतें आने की स्थिति में इस योजनाओं को कामयाब बनाने वाले विभाग फौरन हस्तक्षेप कर पाएंगे। इससे प्रदेश में केंद्रीय योजनाओं को कामयाब बनाने में भी सहायता मिलेगी।
आवेदनकर्ता को यह मालूम होना चाहिए कि उसके आवेदन पर बैंक ने क्या कार्यवाही की है। पाेर्टल लांच करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर बैंक के एमडी बलदेव राज व सरकार के कई सचिव मौजूद थे।बैंक के एमडी ने इस मौके पर जानकारी दी कि पोर्टल किय तरह से काम करेगा। ऋण आवेदन पर बैंक की कार्यवाही में पारदर्शिता लाने के लिए शुरू किए गए जीएसएस ई पोर्टल से आवेदनकर्ता बैंक द्वारा लोन मंजूर करने की दिशा में उठाए गए कदमों की रियल टाइम ट्रैकिंग कर पाएंगे। उन्हें बैंक के चक्कर लगाने की जरूरत नही होगी। लोन की औपारिकता को पूरा करने के लिए आवेदनकर्ता को एसएमएस आएगा।
अगर पंद्रह दिन के अंदर ऋण आवेदन पर कोई कार्यवाही नही होती है तो यह आवेदन पोर्टल पर बैंक के वरिष्ठ अधिकारी को हस्तक्षेप करने के लिए फार्वर्ड हो जाएगा। अगर आवेदन अस्वीकार होता है तो इसका कारण फौरन बताना हाेगा। बैंक द्वारा पारदर्शिता लाने की दिशा में की जा रही कार्यवाही की सराहना करते हुए मुख्यसचिव ने जोर दिया कि 15 मार्च तक पोर्टल को मोबाइल पर काम करने लायक बनाया जाए। इसके साथ सभी 15 केंद्रीय प्रायोजित योजनाएं भी इस पोर्टल पर होनी चाहिए। उन्होंने आईटी सचिव को हाल ही में दिए गए निर्देश दोहराते हुए कहा कि सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं की 15 मार्च तक डिजीटिलीाइजेशन हो जानी चाहिए। मुख्यसचिव ने डिजीटल फाइनेंशियत इन्कलूजन व साइबर खतरे से निपटने के लिए देश में जम्मू कश्मीर बैंक को चौथा स्थान मिलने व बैंक की रेटिंग के नेगेटिव से ए प्लस होने की भी सराहना की।
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