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    अन्ना हजारे ने कहा- पाक न समझे तो हो जानी चाहिए आरपार की लड़ाई

    By Preeti jhaEdited By:
    Updated: Thu, 08 Mar 2018 03:58 PM (IST)

    अन्ना हजारे ने कहा कि दिल्ली में आंदोलन के दौरान किसी भी राजनीतिक पार्टी को मंच का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

    अन्ना हजारे ने कहा- पाक न समझे तो हो जानी चाहिए आरपार की लड़ाई

    जम्मू, जागरण संवाददाता। समाजसेवी अन्ना हजारे ने सीमा पर पाकिस्तानी गोलीबारी से जानमाल के भारी नुकसान पर कहा कि किसी भी मसले का समाधान बातचीत से ही होना चाहिए, लेकिन अगर पाक यह भाषा नहीं समझता है तो उसके साथ एक बार आरपार की लड़ाई हो जानी चाहिए। इसके साथ ही अन्ना ने कहा कि पाकिस्तानी गोलाबारी से प्रभावित किसान सरकार की जिम्मेदारी हैं।

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    सीमांत किसानों को भी वही सुविधाएं मिलनी चाहिए जो सीमा पर लड़ रहे सैनिकों को मिलती हैं। अन्ना नई दिल्ली के रामलीला मैदान में लोकपाल, चुनाव सुधार और किसानों के मुद्दे पर 23 मार्च से आंदोलन शुरू करने से पहले जनजागरण यात्रा के तहत बुधवार जम्मू आए थे। उन्होंने पहली बार जम्मू के दशहरा ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गोलीबारी से किसी समस्या का समाधान संभव नहीं है। यह बातचीत से ही संभव है। अगर कोई देश समझता है कि युद्ध से मसले हल होंगे तो वह गलत है। भारत-पाक के बीच युद्ध होता है तो दोनों देश 25 वर्ष पीछे चले जाएंगे।

    अन्ना हजारे ने कहा कि वह कश्मीर में भी शांति का संदेश लेकर जाएंगे। उन्होंने कहा, 'मैं कई बार कश्मीर गया हूं। कश्मीर हमारा है। वहां भी हमारे भाई हैं। उनकी बात भी सुनी जानी चाहिए।' इस दौरान अन्ना ने मोदी सरकार का भी घेरा। उन्होंने कहा कि यह तो सिर्फ आश्वासनों की सरकार है, जिसके खाने के दांत और दिखाने के और हैं। अन्ना ने कहा कि देश में काला धन तो वापस नहीं आया, सफेद धन जरूर विदेशों में पहुंच गया है।इसके अलावा अन्ना ने कहा कि किसानों को उनकी लागत से डेढ़ गुणा अधिक दाम मिलना चाहिए। कृषि मूल्य आयोग का जल्द गठन होना चाहिए। आर्थिक रूप से पिछडे़ किसानों को मासिक पांच हजार रुपये मिलने चाहिए, ताकि वह भी अपने परिवार पाल सकें और बच्चों को शिक्षित कर सकें। जम्मू में मिले समर्थन पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि युवा अगर अपनी शक्ति पहचाने तो देश से भ्रष्टाचार आसानी से समाप्त हो सकता है।

    मंच का इस्तेमाल राजनीति के लिए नहीं करने देंगे :

    अन्ना हजारे ने कहा कि दिल्ली में आंदोलन के दौरान किसी भी राजनीतिक पार्टी को मंच का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। आंदोलन में शामिल लोग राजनीति में न चले जाएं या चुनाव न लड़ें, इसके लिए उनसे 50 रुपये का हल्फनामा लिया जा रहा है। समाज सेवक अन्ना हजारे ने कहा कि दिल्ली में आंदोलन के दौरान किसी भी राजनीतिक पार्टी को मंच का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जाएगी। दशहरा ग्राउंड में जनसभा को संबोधित करने के बाद पत्रकारों ने जब उनसे पूछा कि कुछ लोग आपके मंच का इस्तेमाल करके ऊंचे मुकाम पर पहुंच गए हैं। हमारा आंदोलन बिलकुल गैर राजनीतिक है। किसी भी मंच का इस्तेमाल करने नहीं दिया जाएगा।

    एक अन्य प्रश्न के जवाब में अन्ना ने कहा कि मूर्तियों को तोड़ना बिलकुल गलत है। ऐसा नहीं होना चाहिए। पाकिस्तानी गोलीबारी से जानमाल के भारी नुकसान संबंधी प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि मसले का समाधान बातचीत से होना चाहिए लेकिन अगर पाकिस्तान यह भाषा नहीं समझता है तो उसके साथ एक बार आरपार की लड़ाई हो जानी चाहिए। एक अन्य सवाल पर अन्ना ने कहा कि देश में काला धन तो वापस नहीं आया है। सफेद धन जरूर विदेशों में पहुंच गया है।