जम्मू-कश्मीर में फैले आतंकवाद पर अब अमेरिका करेगा प्रहार, जानिए कैसे जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद करेगा अमेरिका
बिना मैगजीन के 2.94 किलोग्राम वजनी एसआईजी एमपीएक्स 9 एमएम पिस्टल 850 राउंड प्रति मिनट की गति से फायर करती है।उन्होंने कहा कि दोनों हथियार गैस से चलने वाले हैं। इन असाल्ट राइफलों से पुलिस को आतंकवादियों से निपटने में अधिक प्रभावी ढंग से काम करने में मदद मिलेगी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों को आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने के लिए जल्द ही अमेरिकी सिग सॉयर असॉल्ट राइफलें और पिस्तौल मिलेंगे। सेना ने पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा और चीन से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा की रक्षा करने में जुटे अपने जवानों को पहले ही अत्याधुनिक राइफलों से लैस किया हुआ है। अधिकारियों के अनुसार जम्मू और कश्मीर पुलिस शायद देश में पहली पुलिस है जिसे आधुनिक हथियार मिले हैं।
पुलिस 500 सिग सॉयर-716 राइफल और 100 सिग सॉयर एमपीएक्स 9 एमएम पिस्तौल खरीदेगी। अधिकारियों के अनुसार स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) और संरक्षित लोगों की सुरक्षा के लिए तैनात कर्मियों को हथियारों से लैस किया जाएगा।अधिकारियों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल ही में सरकारी खरीद पोर्टल जैम पर हथियारों की खरीद के लिए वैश्विक स्तर पर बोलियां मंगाई थीं।अधिकारियों के अनुसार सिग सायर 716 असाल्ट राइफल में पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले इंसास (इंडियन स्मॉल आर्म्स सिस्टम) राइफल के 5.56x45 मिमी इंटरमीडिएट कारतूस की तुलना में अधिक शक्तिशाली 7.62x51 मिमी कारतूस है।उन्होंने कहा कि बिना मैगजीन के 3.82 किलोग्राम वजनी राइफल 650-850 राउंड प्रति मिनट की दर से फायर करती है और 500 मीटर की रेंज के कारण आतंकवाद विरोधी अभियानों में एक प्रभावी हथियार साबित हो सकती है।
इसके अलावा राइफलें काम्पैक्ट, मजबूत, आधुनिक और क्षेत्र की परिस्थितियों में बनाए रखने में आसान हैं। उन्होंने बताया कि इसी तरह बिना मैगजीन के 2.94 किलोग्राम वजनी एसआईजी एमपीएक्स 9 एमएम पिस्टल 850 राउंड प्रति मिनट की गति से फायर करती है।उन्होंने कहा कि दोनों हथियार गैस से चलने वाले हैं। उन्होंने कहा कि इन असाल्ट राइफलों को शामिल करने से पुलिस को आतंकवादियों से निपटने में अधिक प्रभावी ढंग से काम करने में मदद मिलेगी। 2019 में, भारत ने सिग सॉयर के साथ लगभग 700 करोड़ रुपये की लागत से 72,400 असॉल्ट राइफलों के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए थे।अक्टूबर 2017 में सेना ने लगभग 7 लाख राइफल, 44,000 लाइट मशीनगन और लगभग 44,600 कार्बाइन हासिल करने की प्रक्रिया शुरू की थी।
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