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    Amarnath Yatra 2022 : पहलगाम-बालटाल से अगले आदेश तक यात्रा रोकी, जम्मू से श्रद्धालुओं का जत्था घाटी के लिए रवाना

    By Rahul SharmaEdited By:
    Updated: Sat, 09 Jul 2022 11:12 AM (IST)

    Amarnath Yatra 2022 वहीं बालटाल में सोनमर्ग कैंप में रोके गए श्रद्धालुओं ने बताया कि प्रबंधन ने फिलहाल यात्रा को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। उन्हें भी यह हिदायत दी गई है कि वे अपने-अपने टैंटों में ही रहें।

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    इस घटना में मारे गए श्रद्धालुओं की आत्मा की शांति के लिए बाबा बर्फानी से प्रार्थना की।

    श्रीनगर, जेएनएन : अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना के बाद भी यात्रा मार्ग पर बारिश का सिलसिला जारी है। रात से भी लगातार बारिश हो रही है। ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाते हुए यात्रा प्रबंधन ने अगले आदेश तक बालटाल व पहलगाम दोनों ही मार्गों से यात्रा स्थगित रखने का एलान किया है। वहीं कश्मीर में यात्रा स्थगित कर दिए जाने के बाद भी जम्मू से पहलगाम से यात्रा पंजीकरण करवाने वाले श्रद्धालुओं के जत्थे को कश्मीर घाटी के लिए रवाना कर दिया गया। चार हजार से अधिक श्रद्धालुओं का जत्था जम्मू आधार शिविर भगवती नगर से रवाना हुआ।

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    यात्रा पर रवाना होने वाले श्रद्धालुओं के चेहरे पर खराब मौसम व एक रात पहले घटित हुई घटना का कोई खौफ नहीं दिख रहा था। श्रद्धालुओं बस भगवान शिव से यही प्रार्थना कर रहे थे कि वे अपने भक्तों की यात्रा सकुशल पूरी करे। किसी को कोई हानी न पहुंचे। इस बीच श्रद्धालुओं ने इस घटना में मारे गए श्रद्धालुओं की आत्मा की शांति के लिए बाबा बर्फानी से प्रार्थना की।

    वहीं बालटाल में सोनमर्ग कैंप में रोके गए श्रद्धालुओं ने बताया कि प्रबंधन ने फिलहाल यात्रा को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया है। उन्हें भी यह हिदायत दी गई है कि वे अपने-अपने टैंटों में ही रहें। बताया जा रहा है कि अमरनाथ पवित्र गुफा पर अभी मौसम पूरी तरह से साफ नहीं हुआ है। श्रद्धालुओं ने बताया कि यहां रूकने में उन्हें कोई परेशानी नहीं है। यहां हर सुख-सुविधा मिल रही है। उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं हो रही है। बस बाबा बर्फानी से यही प्रार्थना है कि जल्द से जल्द मौसम साफ हो और यात्रा सुचारू रूप से जारी हो ताकि वे हिमलिंग के दिव्य दर्शन कर सकें।

    इसी बीच आइटीबीपी के एक अधिकारी ने बताया कि कल शाम बाढ़ के कारण पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश श्रद्धालुओं को पंजतरणी में स्थानांतरित किया गया है। बारिश की वजह से काफी नुकसान हुआ है। यात्रा मार्ग को यात्रा के लिए सुरक्षित ढंग से खोला जा रहा है। उनके जवान बचाव कार्य के साथ-साथ श्रद्धालुओं के लिए बिजली-पानी का प्रबंध करने में भी जुटे हुए हैं। यात्रा मार्ग पर इस समय कोई श्रद्धालु फंसा नहीं है। लगभग 15,000 लोग सुरक्षित विभिन्न कैंपों तक पहुंचा दिए गए हैं।