अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए ऑपरेशन शिवा शुरू, सुरक्षाबलों की 581 कंपनियां तैनात; चप्पे-चप्पे पर पैनी नजर
श्री अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के लिए सेना ने ऑपरेशन शिवा शुरू किया है। यात्रा मार्ग पर ड्रोन खतरों से निपटने के लिए 50 से अधिक ड्रोन रोधी प्रणालियां लगाई गई हैं। अर्धसैनिक बलों की 581 कंपनियां तैनात हैं और सेना के नौ हजार जवान सुरक्षा में लगे हैं। यात्रा मार्गों की निगरानी के लिए मानव रहित प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है।

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। श्री अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सेना ने ऑपरेशन शिवा चला रखा है। यह अभियान यात्रा मार्ग और साथ सटे उन इलाकों में केंद्रित है जिन्हें आतंकियों की गतिविधियों के आधार पर उच्च जोखिम वाला संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया है।
सेना ने यात्रा मार्ग पर ड्रोन खतरों से निपटने के लिए 50 से अधिक ड्रोन रोधक प्रणालियां और इलेक्ट्रनिक युद्धक उपकरणों से युक्त समर्पित मानवरहित हवाई प्रणाली (सी-यूएएस) ग्रिड स्थापित किया है। यात्रा मार्गों, पवित्र गुफा की मानव रहित प्रणाली से निगरानी की जा रही है।
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद घाटी में सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल पैदा हुए थे। विभिन्न आतंकी संगठनों ने श्री अमरनाथ की यात्रा के दौरान हमले की धमंकियां भी दी हैं। यात्रा की सुरक्षा के लिए अर्धसैन्यबलों की 581 कंपनियों को विशेष तौर पर लगाया है।
सैन्याधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्रा के सुरक्षा ग्रिड की लगातार समीक्षा कर उसमें अपेक्षित सुधार किया जा रहा है।
दोनों मार्गों पर कड़ी सुरक्षा
सुरक्षा ग्रिड में पुलिस व केंद्रीय अर्धसैन्यबलों के साथ सेना भी अहम भूमिका निभा रही है। दक्षिण कश्मीर में यात्रा मार्ग और गांदरबल-बालटाल-पवित्र गुफा मार्ग पर सेना के नौ हजार जवान व अधिकारी सुरक्षा बंदोबस्त में जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे हैं।
यह जवान अत्याधुनिक हथियारों और अत्याधुनिक निगरानी उपकरणों से लैस हैं। सेना ने दोनों मार्गों पर किसी भी आपदा से निपटने लिए आपदा प्रतिक्रिया दल आवश्यक साजो सामान संग तैनात किए हैं।
ड्रोन के जरिए किसी हमले की आशंका को समापत करने के लिए यात्रा मार्ग पर चिन्हित स्थानों पर ड्रोन रोधी प्रणालियों के अलावा एक सी-यूएएस ग्रिड स्थापित किया है।
यात्रा मार्ग पर 150 से अधिक चिकित्सा कर्मी
सेना के इंजीनियरिंग विंग ने यात्रा मार्ग पर पुलो के रखरखाव का जिम्मा संभाल रखा है। यात्रा मार्ग पर 150 से अधिक चिकित्सा कर्मी, दो उन्नत ड्रेसिंग स्टेशन, नौ सहायता चौकियाां, एक 100 बिस्तरों वाला अस्पताल, 26 ऑक्सीजन बूथ उपलब्ध कराए हैं।
किसी भी स्थिति में संचार सुविधा को बहाल रखने के लिए सिग्नल कंपनियों को तैनात किया है। बम निरोधक दस्ते स्टैंड बाय पर हैं।
हाई क्वालिटी कैमरों से हो रही निगरानी
सेना ने किसी भी आपात स्थिति के लिए हेलीकॉप्टर भी तैयार रखे हैं। जम्मू और श्री अमरनाथ गुफा के बीच काफिले पर नज़र रखने के लिए उच्च-रिजल्यूशन वाले पीटीजेड कैमरों और लाइव ड्रोन फीड का इस्तेमाल किया जा रहा है।
यात्रा मार्ग के आसपास की सभी पहाड़ी और वनीय क्षेत्रों में लगातार तलाशी ली जा रही है। चिन्हित स्थानों पर चौकियां भी स्थापित की गई हैं।
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