खुशखबरी! एम्स जम्मू ने की पहली कोक्लियर इम्प्लांट सर्जरी, जन्म से पीड़ित बच्चे को फिर से सुनाई देने लगा
एम्स जम्मू ने पहली कोक्लियर इम्प्लांट सर्जरी सफलतापूर्वक की। जन्म से सुनने में असमर्थ एक बच्चे को इस सर्जरी के बाद फिर से सुनाई देने लगा है। यह एम्स ज ...और पढ़ें

डॉक्टरों की टीम ने मिलकर इस जटिल सर्जरी को पूरा किया और बच्चे के जीवन में नई उम्मीद लाई।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जम्मू ने अपनी पहली कोक्लियर इम्प्लांट सर्जरी की है।इससे अब जन्म से पीड़ित बच्चे को फिर से सुनाई देने लगा है। यह सर्जरी एडिशनल प्रोफेसर और हेड इएनटी डॉ. डार्विन कौशल,एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अमरदीप सिंह, डॉ. योषिता, डॉ. गुंजन और आडियोलाजिस्ट नित्यांश सलूजा की टीम ने की।
उन्होंने मिलकर काम किया ताकि सर्जरी और सुनने की देखभाल बिना किसी रुकावट के हो सके। टीम ने यह उपलब्धि प्रोफेसर डॉ. राकेश कुमार नई दिल्ली की मेंटरशिप और एक्सपर्ट गाइडेंस में हासिल की जिनका कोक्लियर इम्प्लांटेशन में लंबा अनुभव है।इससे पूरी प्रक्रिया के दौरान क्लिनिकल प्लानिंग और फैसले लेने में काफी मदद मिली।
एम्स जम्मू को सर्जरी के लिए इम्प्लाइज़ स्टेट इंश्योरेंस कारपोरेशन स्कीम के ज़रिए वित्तीय सहायता मिली।इससे काक्लियर इम्प्लांट सर्जरी संभव हो पाई और योग्य मरीज़ों के लिए एडवांस्ड हियरिंग रिहैबिलिटेशन की सुविधा मिली।
डॉ. श्रुति शर्मा, डॉ. स्लोमी गुप्ता और डॉ. बिस्मा के नेतृत्व वाली एनेस्थीसिया टीम की विशेषज्ञता भी उतनी ही महत्वपूर्ण थी जिन्होंने सुरक्षित और प्रभावी पेरीआपरेटिव मैनेजमेंट सुनिश्चित किया। सर्जरी को सुचारू रूप से चलाने में समर्पित सीनियर नर्सिंग अधिकारियों और नर्सिंग अधिकारियों का भी सहयोग मिला जिनकी प्रतिबद्धता ने इस सफल क्लिनिकल परिणाम में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
काक्लियर इम्प्लांट सर्विस गंभीर से बहुत ज़्यादा सुनने की समस्या वाले बच्चों और वयस्कों को नई उम्मीद देता है। एम्स जम्मू का लक्ष्य इस क्षेत्र में सुनने की क्षमता वापस लाने वाली सर्जरी के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में खुद को स्थापित करना है।

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