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    कश्मीर विश्वविद्यालय और IIT हैदराबाद ने साइन किया एग्रीमेंट, अब एक साथ मिलकर करेंगे रिसर्च और इनोवेशन

    Updated: Sun, 14 Sep 2025 12:07 PM (IST)

    कश्मीर विश्वविद्यालय और आईआईटी हैदराबाद ने अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता शैक्षणिक सहयोग संयुक्त अनुसंधान छात्रों और शिक्षकों के आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा। कुलपति प्रो. नीलोफर खान ने कहा कि यह सहयोग नैनो-टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नई सीमाएं तय करेगा और ज्ञान को समाजोपयोगी समाधानों में बदलेगा। यह पहल अनुसंधान और नवाचार को सशक्त बनाएगी।

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    कश्मीर विश्वविद्यालय और IIT हैदराबाद के बीच समझौते पर हस्ताक्षर। फोटो सोर्स- सोशल मीडिया

    राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। रिसर्च और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कश्मीर विश्वविद्यालय और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, हैदराबाद ने एक महत्वपूर्ण समर्झाते पर हस्ताक्षर किए हैं। यह समझौता शैक्षणिक सहयोग को मजबूत करने और विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने में सहायक होगा।

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    यह एमओयू कश्मीर विश्वविद्यालय की वीसी प्रो. निलोफर खान और आईआईटी हैदराबाद के निदेशक प्रो. बीएस मूर्ति द्वारा नैनो-टेक्नोलॉजी फॉर बेटर लिविंग विषय पर आयोजित पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के समापन सत्र में हस्ताक्षरित किया गया।

    यह समझौता दोनों संस्थानों के बीच दीर्घकालिक सहयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं, छात्रों और शिक्षकों के आदान-प्रदान, शोध संसाधनों और विशेषज्ञता की साझेदारी, तथा नवाचार और व्यवसायीकरण के अवसरों को बढ़ावा देगा।

    कश्मीर विश्वविद्यालय की वीसी प्रो. निलोफर खान ने कहा कि यह सहयोग दो प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के बीच पुल का कार्य करेगा। हम मिलकर नैनो-टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नई सीमाएं तय कर सकते हैं और ज्ञान को समाज उपयोगी समाधानों में बदल सकते हैं।

    विवि के डीन अकादमिक अफेयर्स प्रो. शरीफुद्दीन पीरजादा ने नैनो-टेक्नोलॉजी की वैश्विक चुनौतियों को हल करने में इस सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।

    आईआईटी, हैदराबाद के निदेशक प्रो. बीएस मूर्ति ने सम्मेलन की वैज्ञानिक गहराई की सराहना करते हुए कहा कि यह साझेदारी नैनो-टेक्नोलॉजी में अनुसंधान और नवाचार को गति देगी। यह समझौता न केवल शैक्षणिक क्षेत्र के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए अनुसंधान और नवाचार को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।