Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Jammu Kashmir: तीन दशक बाद रूबिया अपहरण मामले की शुरू हुई जिरह, पढ़ें क्या है पूरा मामला

    By Vikas AbrolEdited By:
    Updated: Sun, 05 Sep 2021 09:30 AM (IST)

    आठ दिसंबर 1989 में रूबिया सईद के अपहरण मामले में अदालत ने इस साल 11 जनवरी को यासीन मलिक और नौ अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे। उन सभी पर हत्याएं हत्या के प्रयास और अब खत्म किए जा चुके टाडा अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए।

    Hero Image
    तत्कालीन गृहमंत्री व जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया मुफ्ती

    जम्मू, राज्य ब्यूरो : कश्मीर में चार वायु सैनिकों की हत्या और तत्कालीन गृहमंत्री व जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया मुफ्ती अपहरण मामलों की तीन दशक बाद शनिवार को जम्मू में विशेष अदालत में गवाहों से जिरह शुरू हुई। कई आरोपित पेश नहीं होने पर जिरह को अगली सुनवाई के लिए टाल दिया। विशेष अदालत में प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों का परीक्षण शुरू किया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अधिकारियों के अनुसार अभियोजन पक्ष के गवाह अब्दुल रहमान सोफी और हत्या का आरोपित सलीम उर्फ नानाजी अदालत में मौजूद था। जबकि प्रतिबंधित जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के यासीन मलिक जिन्हें दोनों मामलों में आरोपित किया है, दिल्ली की तिहाड़ जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यवाही में शामिल हुआ।

    उसने अदालत को बताया कि वह खुद गवाहों से जिरह करना चाहता है। वह किसी वकील की मदद नहीं लेना चाहता। कई अन्य आरोपी अदालत में पेश नहीं हो सके। उनके वकीलों ने कश्मीर में हालात को इसका कारण बताया। इसके बाद कोर्ट ने जिरह को कुछ समय बाद टाल दिया गया। इन मामलों में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) की ओर से मुख्य अभियोजक के तौर पर पेश हुई मोनिका कोहली ने एजेंसी की तरफ से पूछताछ की। कोहली सात वर्षों से उच्च न्यायालय में एक रिटेनर वकील के रूप में सीबीआइ की ओर से पेश हो रही हैं। यासीन मलिक तिहाड़ जेल में बंद है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने अप्रैल 2019 में टेरर फंडिंग मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया था।

    जब आतंकियों ने 40 लोगों पर की थी अंधाधुंध फायरिंग :

    यासीन मलिक और छह अन्य आरोपितों पर श्रीनगर के बाहरी इलाके में 25 जनवरी 1990 को वायुसेना के चार जवानों की हत्या करने के आरोप हैं। सभी पर पिछले साल 16 मार्च को आरोप तय किए गए थे। मलिक के अलावा अली मोहम्मद मीर, मंजूर अहमद सोफी उर्फ मुस्तफा, जावेद अहमद मीर उर्फ नलका, शौकत अहमद बख्शी, जावेद अहमद जरगर और नानाजी शामिल हैं। सीबीआइ ने आरोप पत्र दायर किया था। सीबीआइ के अनुसार जवानों पर आतंकवादियों ने गोलियां चलाईं जिसमें एक महिला सहित 40 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। उनमें चार जवान शहीद हो गए।

    रूबिया अपहरण मामले में यासीन मलिक समेत 10 पर आरोप :

    आठ दिसंबर 1989 में रूबिया सईद के अपहरण मामले में अदालत ने इस साल 11 जनवरी को यासीन मलिक और नौ अन्य के खिलाफ आरोप तय किए थे। उन सभी पर हत्याएं, हत्या के प्रयास और अब खत्म किए जा चुके टाडा अधिनियम की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए। आरोपितों में अली मोहम्मद मीर, मोहम्मद जमां मीर, इकबाल अहमद, जावेद अहमद मीर, मोहम्मद रफीक, मंजूर अहमद सोफी, वजाहत बशीर, मेहराज-उद-दीन शेख और शौकत अहमद बख्शी भी शामिल हैं। रूबिया का आतंकियों ने उस समय अपहरण कर लिया था जब वह ललदद अस्पताल से ड्यूटी पूरी होने के बाद घर के लिए निकली थी। रूबिया के बदले में आतंकियों ने साथी आतंकियों की मांग रखी थी।