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    JEE Advance : दो वर्ष तक मोबाइल को हाथ भी नहीं लगाया, आरिश बन गया जम्मू का टाॅपर

    By Rahul SharmaEdited By:
    Updated: Sat, 16 Oct 2021 07:54 AM (IST)

    उन्होंने इन दो वर्षाें में ऐसा कुछ भी नहीं खाेया जो दूसरे बच्चों ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर पा लिया हो। उन्होंने बिना मोबाइल के भी खूब मजे लिए। पढ़ा ...और पढ़ें

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    पिता रविंद्र टिक्कू का कहना है कि उन्होंने बेटे को मोबाइल फोन से दूर रहने की सलाह नहीं दी थी।

    जम्मू, सुरेंद्र सिंह : जेईई एडवांस के शुक्रवार को घोषित हुए परिणाम में जम्मू के आरिश टिक्कू पूरे जम्मू कश्मीर के टॉपर बने हैं। आरिश की आल इंडिया में 710वीं रैंक आई है जबकि जम्मू कश्मीर में वह सबसे आगे हैं।

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    जीजीएम सांइस कालेज के नोडल प्रिंसिपल रविंद्र टिक्कू के बेटे आरिश टिक्कू ने दैनिक जागरण के साथ बातचीत में बताया कि उन्होंने दसवीं कक्षा के बाद से मोबाइल फोन को हाथ भी नहीं लगाया। वह दो वर्ष तक मोबाइल फोन से दूर रहे। बस किताबों को ही पढ़ा। कोरोना के चलते स्कूल भी बंद रहे तो घर में लैपटाप पर ही आनलाइन पढ़ाई की। केसी पब्लिक स्कूल से बारहवीं करने वाले आरिश का कहना है कि उन्होंने विद्यामंदिर क्लासेस से जेईई की कोचिंग ली। इस दौरान दो वर्ष तक मोबाइल फोन से दूर रहने का उन्हें फायदा तो बहुत हुआ लेकिन नुकसान जरा भी नहीं।

    मैंने भी खूब मजे लिए हैं :

    आरिश का कहना है कि उन्होंने इन दो वर्षाें में ऐसा कुछ भी नहीं खाेया जो दूसरे बच्चों ने मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर पा लिया हो। उन्होंने बिना मोबाइल के भी खूब मजे लिए। पढ़ाई के मजे लिए। माता-पिता के साथ समय बिताने के मजे लिए। पड़ोसियों से मिलते रहे। बाहर खेलते भी रहे। वहीं आरिश के पिता रविंद्र टिक्कू का कहना है कि उन्होंने बेटे को मोबाइल फोन से दूर रहने की सलाह नहीं दी थी। आरिश खुद ही इससे दूर रहने लगा था। कोचिंग तो अधिकतर उसकी आनलाइन ही हुई लेकिन कभी घर से बाहर गया भी तो अपने पास मोबाइल नहीं रखा।

    गिटार बजाने का शौकीन हैं आरिश :

    आरिश गिटार बजाने का शौकीन भी है। आरिश ने बताया कि जब कभी उसे थकान महसूस होती वह गिटार बजाकर खुद को तरोताजा कर लेता था। आरिश को उम्मीद है कि उसे उसकी पसंद का आइआइटी कालेज मिल जाएगा जहां वह अपनी पसंद के स्ट्रीम में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर लेगा। वहीं आरिश ने दूसरे बच्चों को सलाह दी कि वे मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं तो उसे एक सीमित तक रखें। मोबाइल फोन को अपनी कमजोरी न बनने दें। उसका पढ़ाई में इस्तेमाल करें लेकिन एक हद तक। अच्छी पढ़ाई आज भी किताबों से ही हो सकती है।