Jammu: जम्मू-कश्मीर के 93 फीसदी परिवारों के पास गोल्डन कार्ड, 10.7 लाख लोग उठा चुके योजना का लाभ
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सेहत के तहत जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) के 93 फीसदी परिवारों के गोल्डन कार्ड बन चुके हैं। इसके साथ ही 83 फीसदी लोगों ने इन योजनाओं के तहत अपने कार्ड बना लिए हैं। इन योजनाओं के माध्यम से जम्मू के 10.7 लाख लोगों को लाभ मिल चुका है।

राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर के 93 प्रतिशत परिवारों में से किसी न किसी सदस्य ने एक आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना सेहत के तहत गोल्डन कार्ड बनवा रखा है। वहीं, 83 प्रतिशत लोगों ने इन योजनाओं के तहत अपने कार्ड बना लिए हैं। यह जानकारी स्टेट हेल्थ एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीव गडकर ने स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव डा. सैयद आबद रशीद को दी।
इन योजनाओं से मिला जम्मू के 10.7 लाख लोगों को लाभ
मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीव गडकर ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में अभी तक इन योजनाओं के तहत 10.7 लाख लोगों का इलाज हो चुका है। अस्पतालों को इसके लिए 1449 करोड़ रुपये दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसमें निजी और सरकारी दोनो ही प्रकार के अस्पतालों ने अपनी अहम भूमिका निभाई है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव डा. सैयद आबद रशीद मंगलवार को दोनो योजनाओं को लागू करने और उनकी वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर रहे थे।
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सेहत योजना जम्मू-कश्मीर की महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक
सचिव ने कहा कि सेहत योजना जम्मू-कश्मीर की सबसे महत्वाकांक्षी स्वास्थ्य देखभाल पहलों में से एक है। उन्होंने इसके प्रभावी कार्यान्वयन से लोगों के स्वास्थ्य देखभाल की पहुंच में पर्याप्त सुधार पर जोर दिया। इसके अलावा उन्होंने सभी हितधारकों से निगरानी और मूल्यांकन प्रक्रियाओं को मजबूत करने, योजना के भीतर धोखाधड़ी के किसी भी मामले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
उद्देश्य को 100 फीसदी पूरा करने का दिया लक्ष्य
उन्होंने कहा प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में तैयार की गई यह योजना लोगों के कल्याण के लिए है और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इसके उद्देश्य पूरे हों। डॉ. शाह ने इस उद्देश्य पर जोर देते हुए कम से कम समय के भीतर जम्मू-कश्मीर में आयुष्मान कार्डों की 100 प्रतिशत प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। बैठक में वित्त निदेशक, राज्य शिकायत अधिकारी और स्टेट हेल्थ एजेंसी के अन्य प्रतिनिधियों सहित अधिकारियों ने भाग लिया।
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