Udhampur-Banihal Raillink : विश्व के सबसे ऊंचे Chenab Railway bridge का 70% निर्माण पूरा, जानें क्या हैं इसकी खासियतें
जम्मू कश्मीर के रियासी के गांव कौड़ी और बक्कल में बना जा रहे विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल पर सत्तर फीसदी निर्माण कार्य पूरा हो गया हैं। अब इस पुल का शेष बचा तीस फीसदी हिस्से के निर्माण कार्य को दिसंबर 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा।
जम्मू, दिनेश महाजन। कुदरत की चुनौतियों के बीच जम्मू संभाग के जिला रियासी के गांव कौड़ी और बक्कल में बना रहे विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल का 70 फीसद निर्माण कार्य पूरा हो गया है। अब इस पुल के शेष बचे 30 फीसद हिस्से के निर्माण कार्य को दिसंबर 2021 तक पूरा कर लिया जाएगा। करीब 1400 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रहा यह रेलवे पुल पेरिस के एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा होगा। चिनाब नदी के तल से बन रहे इस पुल की ऊंचाई 359 मीटर है।
उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बताया कि लोहे की फाउंडेशन को तैयार करने के लिए 24 हजार टन इस्पात का इस्तेमाल किया जाएगा। चिनाब पुल में ऐसी तकनीक व उपकरण इस्तेमाल किए जा रहे हैं, जो पूरे विश्व में अपनी तरह का प्रथम प्रयोग है। पहली बार इतने ऊंचे पुल के निर्माण में मेहराब तकनीक (लांचिग आर्क) को आधार बनाया गया है। पिछले साल ही इसका मजबूत मेहराब बनकर तैयार हुआ है। पुल का एक छोर रियासी के कौड़ी तो दूसरा छोर बक्कल में है।
इंजीनियरिंग का अद्भुत नमूना होगा चिनाब पुल :
कटड़ा से बनिहाल तक रेल सेक्शन 111 किलोमीटर लंबी है। जम्मू-ऊधमपुर और ऊधमपुर-कटड़ा सेक्शन बन चुका है। इससे आगे कटड़ा-बनिहाल रेल सेक्शन पहले बने दोनों सेक्शन से भी अधिक चुनौतीपूर्ण है। इस क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्य के लिए 160 किलोमीटर का सड़क मार्ग बनाया गया है। रेलवे ने इस सेक्शन में 70 गांवों को सड़क मार्ग से जोडऩे के साथ 1.5 लाख लोगों को रोजगार दिया है। इस सेक्शन पर कार्य करने वाले इंजीनियरों को बेहद कठिन, दुर्गम क्षेत्र, तकनीकी समस्याओं और आतंकी गतिविधियों के कारण पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था का भी सामना करना पड़ा है।
यह काम रह गया है बाकी :
रियासी में चिनाब दरिया पर बन रहा विश्व का सबसे ऊंचा पुल पहाड़ों पर बनने वाली सी आकार की आर्च पर खड़ा होगा। आर्च एक तरफ कोड़ी गांव से बन रही है, जबकि दूसरी आर्च का निर्माण बक्कल गांव की ओर से किया जा रहा है। दोनों छोर से बन रही आर्च करीब 75 फीसद बन चुकी है। शेष बची 25 फीसद आर्च आपस में मिलनी है। जैसे ही आर्च मिल जाएगी, उसके ऊपर डेक (लोहे का पुल) बनेगा। डेक भी करीब 60 फीसदी बन कर तैयार है। शेष बचा डेक आर्च के आपस में जुडऩे तक बन जाएगा। इसके बाद डेक पर रेलवे ट्रैक को बिछाने का काम किया जाना है, जो कुछ ही दिनों में पूरा हो जाएगा।
चिनाब पुल की विशेषताएं:
- चिनाब से ऊंचाई दरिया तल से 359 मीटर हैं।
- निर्माण पर 24 हजार टन इस्पात का होगा इस्तेमाल
- 1400 करोड़ हुई कुल लागत, पहले था 512 करोड़ का अनुमान
- पुल की चौड़ाई 13 मीटर, 150 मीटर ऊंचे 18 पिलर होंगे
- पुल की भार वहन करने की क्षमता 500 टन होगी।
- 260 किमी प्रति घंटे की गति की हवाओं का वेग सहन कर सकेगा
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