कौन था Pulwama Attack का 'सुसाइड बॉम्बर', किसने रची थी हमले की साजिश; धमाके के बाद आतंकियों ने चली थी एक और चाल
6 years of Pulwama Attack पुलवामा हमले की आज छठी बरसी है। साल 2019 में एक आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान बलिदान हो गए थे। इस जघन्य आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर जवाब दिया था। इसी क्रम में आइए जानते हैं कि इस हमले का मास्टरमाइंड कौन था और भारतीय सेना ने कैसे उसे ढेर किया।

डिजिटल डेस्क, जम्मू। 6 years of Pulwama Attack: पुलवामा हमले को 6 साल हो गए हैं। 14 फरवरी, 2019 को सीआरपीएफ की करीब 78 बसें 2500 जवानों को लेकर जम्मू-श्रीनगर नेशनल हाईवे से गुजर रही थीं। जवानों का यह काफिला बिना अन्य वाहनों की आवाजाही को प्रभावित किए बगैर श्रीनगर के लिए बढ़ रहा था। इस दौरान अवंतीपोरा के गोरीपोरा (Pulwama Terror Attack) के पास विस्फोटक से लदी कार बसों से टकराई और एक जबरदस्त धमाका हुआ। इस हमले में 40 जवान बलिदान हो गए थे।
यह हमला इतना भयानक था कि जवानों के शरीर बुरी तरह से छिटक गए। इस हमले के तुरंत बाद आतंकियों ने एक और चाल चली। जैसे ही धुआं छंटा आतंकियों ने जवानों पर फायरिंग करना शुरू कर दी। सैन्य जवानों ने किसी तरह खुद को संभाला और जवाबी कार्रवाई में आतंकियों पर पलटवार किया। जिसके बाद आतंकी भाग गए।
घटनास्थल पर जब राहत दल पहुंचा तो वहां का नजारा दिल दहला देने वाला था। चारों ओर बिखरा खून और मांस के टूकड़े देख रूह कांप जाए। आनन-फानन में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया और घायल जवानों को आर्मी के बेस हॉस्पिटल में ले जाया गया। सेना पर इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली। आतंकियों की इस कायराना हरकत से भारतीयों का गुस्सा उबाल पर था। सबकी जुंबा पर एक ही नाम था... बदला।
फिर हुई बदले की शुरुआत
14 फरवरी, 2019 को पाकिस्तानी आतंकियों ने पुलवामा अटैक किया। इसके ठीक 12 दिन बाद तारीख 25 फरवरी 2025 की देर रात वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक की। भारतीय सेना के 300 विमानों ने आतंकियों के कैंप पर बम बरसाए। इस हमले में जांबाजों ने 300 आतंकियों को ढेर कर दिया। इसे बालाकोट एयरस्ट्राइक के नाम से भी जाना जाता है।
विस्फोटक वाली कार में कौन था?
जिस आतंकी ने सीआरपीएफ के जवानों की बसों पर कार द्वारा अटैक किया। उस आतंकी की पहचान 22 वर्षीय आदिल अहमद डार के रूप में हुई। यह आतंकी पुलवामा हमले के 2 साल पहले आतंकी संगठन से जुड़ा था।
मार्च 2018 में परिवार ने आखिरी बार आदिल को देखा था। उस समय वह साइकिल से कहीं बाहर निकला था और फिर कभी वापस लौटकर नहीं आया। आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाले आदिल को पुलिस ने करीब छह बार अलग-अलग मामलों में हिरासत में भी लिया था, लेकिन हर बार उसको वॉर्निंग देकर छोड़ दिया गया था।
पुलवामा हमले का कौन था मास्टरमाइंड?
पुलवामा हमले के बाद सेना आतंकियों की तलाश में जुट गई। पहाड़ों से लेकर जंगलों तक सेना का पहरा था। दिन-रात जवानों ने सर्च ऑपरेशन चलाया। इसी दरमियां, 18 फरवरी 2019 को सुरक्षाबलों ने उस आतंकी को ढेर किया जिसने पुलवामा आतंकी हमले की प्लानिंग तैयार की थी। जैश-ए-मोहम्मद के इस आतंकी का नाम कामरान था। सुरक्षाबलों ने लंबे चली कार्रवाई में इस आतंकी को ढेर कर दिया था।
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