डोमिसाइल प्रमाणपत्र के लिए लोगों से मांगे जा रहे 50 साल पुराने दस्तावेज
पहले यहां पर स्टेट सब्जेक्ट बनाने के लिए 1951 की वोटर लिस्ट मांगी जाती थी और अब उनसे 1971-72 की वोटर लिस्ट मांगी जा रही हैं। पचास साल पुराना रिकार्ड मांगा जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू : स्टेट सब्जेक्ट की जगह डोमिसाइल यानी निवास प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया शुरू होने से लोगों को राहत तो मिली है, लेकिन उनकी परेशानियां भी बढ़ गई हैं। डोमिसाइल प्रमाणपत्र बनवाने के लिए लोगों को पचास साल तक के पुराने दस्तावेज लाने के लिए कहा जा रहा है। इसके लिए उन्हें सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। प्रशासन ने स्टेट सब्जेक्ट को बंद कर अब डोमिसाइल प्रमाण पत्र बनाने शुरू कर दिए हैं।
दरअसल, अभी तक कोई नीतिगत फैसला नहीं आया है कि कितने वर्ष तक जम्मू कश्मीर में रहने वाले को डोमिसाइल प्रमाणपत्र दिया जाएगा। इसलिए राजस्व विभाग के कर्मचारियों की तरफ से पुराने रिकार्ड जिसमें स्टेट सब्जेक्ट, पुरानी वोटर लिस्ट साल 1971-72 आदि, जगह के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। इसलिए लोगों की परेशानी बढ़ गई हैं और उन्हें सरकारी कार्यालयों के फिर से चक्कर काटने पड़ रहे हैं। पहले यहां पर स्टेट सब्जेक्ट बनाने के लिए 1951 की वोटर लिस्ट मांगी जाती थी और अब उनसे 1971-72 की वोटर लिस्ट मांगी जा रही हैं। पचास साल पुराना रिकार्ड मांगा जा रहा है। जिनके बच्चों का जन्म जम्मू में हुआ और अब बारहवीं कक्षा पास कर चुके हैं, उनके पिता के स्टेट सब्जेक्ट, राशन कार्ड भी हैं, उनको पुराना रिकार्ड लाने के लिए कहा जा रहा है। इससे लोगों को परेशानियां का सामना करना पड़ रहा है।
परीक्षाओं के लिए भी डोमिसाइल जरूरी
प्रधानमंत्री स्कालरशिप योजना, बोर्ड आफ प्रोफेशनल एंट्रेंस एग्जामिनेशन के कॉमन एंट्रेंस टेस्ट आदि में आवेदन करने के लिए जम्मू कश्मीर का नागरिक होना जरूरी है। अनुच्छेद 370 हटने के बाद स्टेट सब्जेक्ट समाप्त हो चुका है। जिनके स्टेट सब्जेक्ट नहीं है, उनको कोई प्रमाणपत्र चाहिए इसलिए डोमिसाइल बनाए जा रहे हैं। डोमिसाइल के प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग की गई है।
वोटर लिस्ट के लिए बीस दिन तक वेटिंग
निवास और आय प्रमाणपत्र बनाने के लिए तहसील कार्यालयों में आए कुछ लोगों ने कहा कि पुराना रिकार्ड मांगा जा रहा है। वोटर लिस्ट लेने के लिए जाओ तो कहा जाता है कि 15 से 20 दिन के बाद आना। अगर इतने दिन लग गए तो उनके बच्चे आवेदन कैसे कर पाएंगे। लोगों ने उपराज्यपाल प्रशासन से मांग की है कि प्रक्रिया को सरल बनाया जाए।
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