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    सरकारी दफ्तर का एक दिन ने खोली पोल

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 03 Jul 2017 01:00 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, जम्मू : संडे थियेटर श्रृंखला में नटरंग की ओर से 'सरकारी दफ्तर का एक दिन' नाटक का मं ...और पढ़ें

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    सरकारी दफ्तर का एक दिन ने खोली पोल

    जागरण संवाददाता, जम्मू : संडे थियेटर श्रृंखला में नटरंग की ओर से 'सरकारी दफ्तर का एक दिन' नाटक का मंचन किया गया। इसमें सरकारी कार्यालयों में फैले भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और वहां पर काम करने के तरीकों को दिखाया गया। लक्ष्मीकांत वैष्णव के लिखे इस नाटक का निर्देशन नीरज कांत ने किया।

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    नाटक में एक सरकारी कार्यालय दिखाया गया जहां सभी कर्मी काम करना नहीं चाहते और उन्हें इस बात का अहसास है कि वे पक्के कर्मचारी हैं। उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। कार्यालय का चपरासी भी किसी की नहीं सुनता और उसे उसका बॉस भी कुछ नहीं कहता क्योंकि चपरासी बॉस व अन्य कर्मियों के सभी रहस्य जानता है। चपरासी किसी मंत्री का रिश्तेदार भी है जिस कारण सब उससे डरते हैं। इतना ही नहीं कार्यालय का हेड, जो कार्यालय में अनुशासन तो बनाए रखने के लिए चिल्लाता है लेकिन खुद कई दिन कार्यालय से बिना बताए गैर हाजिर रहता है। नाटक में उस समय नया मोड़ आता है, जब वहां पर सतर्कता अधिकारियों का औचक छापा पड़ता है और कार्यालय के सभी कर्मी गैर हाजिर पाए जाते हैं। नाटक में बृजेश अवतार सिंह, भीष्म गुप्ता, मोसस मार्टन, सिमरन वर्मा, अफाक खान और हक नवाज ने अभिनय किया।