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    महिला सशक्तीकरण में मीडिया की भूमिका अहम

    By Edited By:
    Updated: Sun, 11 Oct 2015 02:02 AM (IST)

    राज्य ब्यूरो, जम्मू : पिछले कुछ वर्ष से महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके मुद्दे उठाने में मीडिया ने अह ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, जम्मू : पिछले कुछ वर्ष से महिलाओं को सशक्त बनाने और उनके मुद्दे उठाने में मीडिया ने अहम भूमिका निभाई है। हालांकि अभी भी इस दिशा में बहुत कुछ किया जाना शेष है। दिल्ली में निर्भया का मुद्दा मीडिया ने खूब उछाला। जिसने उसके परिवार को इंसाफ दिलाया। परंतु कई पीड़ित महिलाओं को न्याय के लिए दरबदर होना पड़ता है। दैनिक जागरण के पूर्व प्रधान संपादक श्रद्धेय नरेन्द्र मोहन जी की 81वीं जयंती पर जीजीएम सांइस कॉलेज में आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने अपने विचार रखे। कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. अजीत अंगराल मुख्य अतिथि थे। 'महिला सशक्तीकरण में मीडिया की भूमिका' शीर्षक पर आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि देश में आधी जनसंख्या महिलाओं की है। यह सही है कि इस समय कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जिसमें महिलाओं ने सफलता के झंडे न गाड़े हों। बावजूद वे आज भी अधिकारों से वंचित हैं। मीडिया ने एक तो महिलाओं को कई अहम पद देकर उन्हें सशक्त बनाया वहीं उनकी प्रेरक कहानियों से उनमें आत्मविश्वास भी उत्पन्न किया। डॉ. अजीत अंगराल ने श्रद्धेय नरेन्द्र मोहन जी को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि उनकी जीवनी ही सभी के लिए प्रेरणास्रोत का काम करती है। यही नहीं जिस प्रकार से उन्होंने महिलाओं के मुद्दों को उठाया, वह भी सभी के लिए मिसाल है। मीडिया के कारण आज महिलाओं पर होने वाले जुर्म सामने आ रहे हैं। उन्हें इंसाफ भी मिल रहा है। उन्होंने संगोष्ठी में उपस्थित विद्यार्थियों से दहेज न लेने और महिलाओं का पूरा सम्मान करने की शपथ भी दिलाई। इससे पहले कार्यक्रम का आगाज मुख्य अतिथि ने श्रद्धेय नरेन्द्र मोहन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर की। इसके बाद पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलित किया गया। मंच संचालन मोनिका भाउ ने बखूबी किया। कॉलेज के स्टाफ सदस्य और गांधीयन स्टडी सेंटर के सदस्य भी मौजूद थे।

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    मीडिया की भूमिका सकारात्मक रही है। इस समय अगर कोई किसी महिला पर जुर्म करता है तो मीडिया उसे दिखाता है। जिससे अन्य को सबक मिलता है। लोग कोई भी जुर्म करने से पहले कई बार सोचते हैं। मीडिया को चाहिए कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए अपने प्रयास इसी तरह जारी रखे।

    डॉ. अजीत अंगराल, प्रिंसिपल, जीजीएम साइंस कॉलेज

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    मीडिया ने विश्व को जोड़ा है। कहीं पर कुछ होता है, उसका संदेश हर जगह जाता है। आज कई महिलाएं प्रमुख पदों पर हैं और इसमें मीडिया की भी अहम भूमिका रही है। यह महिलाएं अन्य को आगे बढ़ने की राह दिखा रही है। मीडिया ने कई महिलाओं को रोजगार भी दिया है। मलाला युसूफ को कौन जानता, अगर उसे मीडिया ने नहीं दिखाया होता। यही सशक्तीकरण है।

    विशाल

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    महिलाओं के मुद्दे कभी भी पहले इतने चर्चा में नहीं होते थे जितने आज हैं। यह मीडिया के कारण ही है। आज अगर किसी पर तेजाब फेंकने करी घटना होती है तो आरोपी सलाखों के पीछे होता है। कारण उसका मीडिया में आना है। चाहे रोजगार हो या फिर अन्य मुद्दे, अगर उन्हें कोई उठाएगा नहीं तो किस प्रकार से न्याय मिलेगा।

    प्रतीक

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    मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। इसकी महिला सशक्तिकरण में अहम भूमिका है। यह महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा करने का काम करता है। रेडियो, टीवी ने महिलाओं की सोच में बदलाव ला दिया है।

    शिवाली शर्मा

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    इसमें कोई संदेह नहीं कि निर्भया को इंसाफ दिलाने में मीडिया की अहम भूमिका थी लेकिन इस तरह की कई पीडि़त लड़कियां हैं जिन्हें न्याय नहीं मिलता। कुछ साल पहले तक मीडिया नहीं था लेकिन सयम के साथ बहुत बदलाव आया। इससे मीडिया की भूमिका भी बड़ी। उसकी जिम्मेदारी भी बढ़ी है। सोशल मीडिया भी इसमें अहम भूमिका निभा रहा है।

    कुनाल

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    राष्ट्र की तरक्की में मीडिया की अहम भूमिका है। आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक हर रूप में इसकी भूमिका है। लिंग के आधार पर होने वाले भेदभाव को दूर करना हो या फिर अन्य कोई अन्याय, मीडिया ने इन मुद्दों को उठाया। अभी भी उन्हें पूरी तरह से न्याय नहीं मिला है और यहीं पर मीडिया को अपनी जिम्मेदारी को समझना है।

    मोनिका