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    अत्याधिक कीटनाशक दवाएं सेहत पर भारी

    By Edited By:
    Updated: Wed, 18 Feb 2015 02:24 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, जम्मू : कृषि विशेषज्ञ जब भी बाजार में सब्जियां खरीदते हैं तो वो ऐसी ढूंढते हैं जिस

    जागरण संवाददाता, जम्मू : कृषि विशेषज्ञ जब भी बाजार में सब्जियां खरीदते हैं तो वो ऐसी ढूंढते हैं जिस पर कोई दाग या छेद हो। यह निशानी है कि सब्जियों पर किसी भी कीट के जीवंत रहने की। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर कीट जीवित रह सकता है तो समझो सब्जी इंसान के लिए बेहतर है। आम तौर पर बाजार में साफ सुथरी दिखने वाली सब्जियों या फल पर कीटनाशक दवाओं के अधिक प्रभाव होने की संभावना रहती है। इसका सेवन इंसान के लिए नुकसान दायक साबित हो सकता है। यही कारण है कि इन दिनों सरकारी एजेंसियां किसानों को अत्याधिक कीट नाशक दवाओं के इस्तेमाल नहीं करने के लिए किसानों को जागरूक कर रही हैं। इसके बाद भी किसान मनमर्जी मुताबिक दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। जम्मू में कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल का जोर बढ़ने लगा है। मैदानी क्षेत्र जैसे आरएसपुरा, सांबा, मढ़, बिश्नाह, रामगढ़ व कठुआ ऊधमपुर के आसपास के किसान बढ़चढ़ कर कीटनाशक दवाओं का खेतों में इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि देश के अन्य राज्यों की तुलना में जम्मू कश्मीर राज्य अभी सुरक्षित ही है। बढ़ते क्रम को रोका नहीं गया तो आने वाले दिन यहां पर भारी रहेंगे। कृषि विशेषज्ञ अरुण खजूरिया का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में 10 फीसद किसान ही नीम से बनी दवाओं का इस्तेमाल करते हैं। यह समय है सजग होने का ताकि कीटशानक का कम से कम इस्तेमाल खेतों पर हो। पिछले पांच साल से कीट नाशक दवाओं का इस्तेमाल दोगुना हो गया है।

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    अधिक कीटनाशक दवाओं के इस्तेमाल के नुकसान

    -अधिक छिड़काव करने से फल सब्जियों पर दवा का प्रभाव बना रहता है। सेवन करने से इसका असर लीवर पर हो सकता है। कैंसर होने का खतरा भी बना रहता है।

    -बच्चों में इसका सबसे ज्यादा प्रभाव रहता है।

    -अधिक दवाओं के छिड़काव के चलते कीट भी दवाओं को सहने में सक्षम हो जाता है।

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    क्या करें

    - फल व सब्जियों को अच्छी तरह से धोकर खाएं।

    -फसलों पर लगे कीटों को नियंत्रित करने के लिए किसान नीम से बनी दवाइयों का छिड़काव कर सकते हैं। इससे भले ही कीटों पर नियंत्रण पाने में कुछ समय लगेगा मगर इसके छिड़काव से फल सब्जियों पर प्रभाव नहीं पड़ता।

    -देसी तरीकों से भी कीटों पर नियंत्रण पाया जा सकता है। पेस्टीसाइड बहुत ही जरूरी हो तो अनुपात में इस्तेमाल किया जाना चाहिए।