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    30 टिप्स फिजूलखर्ची से बचने के

    By Edited By:
    Updated: Fri, 29 Mar 2013 11:15 AM (IST)

    बचत..! काफी मुश्किल काम है इस दौर में यह। लेकिन एक कहावत यह भी है कि बूंद-बूंद से घड़ा भरता है। थोड़ी सी मेहनत, योजना और बुद्धिमत्त से इस बूंद-बूंद को बचाया जा सकता है। राशन, बिजली, गैजेट्स, कपड़ों, पेट्रोल या फोन बिल्स में थोड़ी कटौती संभव है। जानिए कैसे..!

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    बचत..! काफी मुश्किल काम है इस दौर में यह। लेकिन एक कहावत यह भी है कि बूंद-बूंद से घड़ा भरता है। थोड़ी सी मेहनत, योजना और बुद्धिमत्त से इस बूंद-बूंद को बचाया जा सकता है। राशन, बिजली, गैजेट्स, कपड़ों, पेट्रोल या फोन बिल्स में थोड़ी कटौती संभव है। जानिए कैसे..!

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    राशन लेने जा रहे हैं?

    1. स्टोर में जाने से पहले अखबार जरूर देख लें। वीकेंड या किसी खास त्योहार से पहले मॉल्स या स्टोर्स में ढेरों स्कीम्स निकलती हैं। उन्हें देखें और अपनी जरूरत के सामानों की सूची बना लें। किस स्टोर में वह स्कीम चल रही है, उसका नाम भी लिख लें। अगर किन्हीं खास सामान के कूपंस निकले हैं तो उन्हें भी काट कर अपने शॉपिंग बैग में रख लें।

    2. जरूरी सामानों की सूची बनाकर रखें। सूची को दो-तीन बार देखें कि इसमें कितनी चीजें वाकई आपकी जरूरत की हैं।

    3. कामकाज की व्यस्तता में इतना समय किसी के पास नहीं होता कि रोज खरीदारी कर सके। महीने या दो महीने का राशन एक साथ खरीदकर रखें। इससे खर्च का अंदाजा भी होगा और बार-बार जाने से भी बच जाएंगे।

    4. घरेलू सामान की शॉपिंग यदि अकेले करें तो बेहतर है। बच्चे अगर साथ हों तो 'ममा, प्लीज ये कैंडी खरीद दो..वो गेम मुझे चाहिए..,' इन मांगों से कैसे बचेंगी! इसलिए शॉपिंग सुकून से और बजट में रहकर करनी है तो अकेले जाएं।

    5. हड़बड़ी न करें। हर सामान को अच्छी तरह देखकर खरीदें। महंगे, बेमौसमी फल-सब्जियां लेने के बजाय मौसमी फलों व सब्जियों को प्राथमिकता दें।

    वॉर्डरोब सेविंग

    6. वॉर्डरोब से पुराने या अनुपयोगी कपड़ों की छंटाई अवश्य करें। इससे पता चलता है कि कितने कपड़ों की जरूरत वास्तव में आपको है और कितने ऐसे कपड़े हैं जिन्हें आप पहनते ही नहीं। कुछ पुराने कपड़ों को भी अगर चाहें तो नई स्टाइल दे सकते हैं।

    7. जैकेट्स, कोट, पुलोवर अप्रैल से जून तक और कॉटन सूट्स, श‌र्ट्स व टी-श‌र्ट्स नवंबर से जनवरी तक खरीदना फायदे का सौदा है। ऑफ सीजन या क्लियरेंस सेल का लाभ उठाएं और अगले मौसम के लिए कपड़े खरीद लें।

    8. हर बार ड्राई क्लीनिंग क्यों जरूरी है? घर पर भी सही तरीके से कपड़ों की धुलाई संभव है। इसे आजमाएं और लॉन्ड्री का खर्च कम करें। कपड़ों को ओवर-वॉश न करें। गर्मी के मौसम में ड्रायर का उपयोग न करें, इससे कपड़े सिकुड़ते ज्यादा हैं और इस्तरी करने में परेशानी होती है। सुखाने के लिए हैंगर का इस्तेमाल करें। इससे कपड़े कम सिकुड़ते हैं।

    9. बच्चों के लिए खरीदारी करते समय ध्यान रखें कि उनके कपड़े एकाध इंच बड़े हों। बेहतर यह है कि उनके लिए ज्यादा महंगे कपड़े न खरीदें, क्योंकि अगले मौसम तक वे उन्हें फिट नहीं होंगे।

    10. मिक्स एंड मैच जरूरी हिस्सा है वॅार्डरोब का। रोजमर्रा की ड्रेसेज में कुछ ऐसी अवश्य हों, जिन्हें मिक्स एंड मैच करके पहन सकें। वार्डरोब को अस्त-व्यस्त न रखें। महीने में एक बार इसकी साफ-सफाई जरूरी है, ताकि पता चलता रहे कि कितने कपड़े आपके पास हैं।

    गैजेट्स की खरीदारी

    11. हाइटेक जमाने में भला कौन लेटेस्ट गैजेट्स नहीं खरीदना चाहता। बाजार में इतना कुछ है कि सिर चकरा जाए...लेकिन क्या सचमुच यह सब जरूरी है? कोई भी नया गैजेट लेते समय यह जरूर सोचें, इसका उपयोग घर में किसे करना है, कितने समय तक करना है और वास्तव में इसकी कितनी जरूरत आपको है।

    12. सेलफोन, कंप्यूटर, लैपटॉप और टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बहुत जल्दी आउटडेटेड हो जाते हैं। इसलिए कोई नया गैजेट बाजार में आते ही खरीदने को उतावले न हो जाएं। कुछ समय प्रतीक्षा करें। हो सकता है अगले ही महीने कोई और नई टेक्नीक आ जाए। नया गैजेट अगर वाकई बहुत महंगा नहीं है और कुछ समय तक उपयोगी रह सकता है, तभी उसे खरीदें।

    13. गैजेट्स खरीदने से पहले मार्केट सर्वे के अलावा ऑनलाइन रिसर्च भी कर लें। अगर आपके मित्र ऐसे किसी गैजेट का उपयोग कर रहे हों तो उनसे भी राय ले लें।

    14. अगर कोई नया गैजेट जेब पर भारी पड़ रहा हो तो स्कीम्स का सहारा लें। आजकल कई स्टोर्स ब्याजमुक्त किस्तों पर भी सामान देते हैं। इसके अलावा सेकंड हैंड सामान भी किन्हीं स्थितियों में एक विकल्प हो सकता है।

    15. पुराने सामानों को यूं ही कबाड़ में न फेंक दें, बल्कि यदि उनका उचित मूल्य मिल रहा हो तो उसे बेच दें। इससे नया गैजेट खरीदने में भी आसानी रहेगी।

    बिजली व्यर्थ न गंवाएं

    16. एनर्जी सेविंग बल्ब, ट्यूबलाइट्स और लैंप का उपयोग करें। इससे बिजली बिल में काफी बचत होती है।

    17. घर में कितनी बिजली की खपत होती है, इसे अवश्य देख लें। इसके लिए एक किलोवाट खरीदें, ताकि किस इलेक्ट्रिकल गैजेट में कितनी बिजली खर्च हो रही है, पता चल सके।

    18. कंप्यूटर का उपयोग अब काफी आम है, लेकिन इसमें बिजली की खपत बहुत होती है, इसलिए ध्यान रखें कि जब काम न हो रहा हो, यह स्लीप मोड में रहे।

    19. इलेक्ट्रिकल गैजेट्स का उपयोग न हो रहा हो तो उन्हें ऑफ अवश्य कर दें। ए.सी., पंखे और कूलर को भी व्यर्थ न चलने दें। इनकी धूल साफ करते रहें।

    20. हर मौसम में अपने घर की प्रकाश व्यवस्था पर ध्यान दें। प्राकृतिक तौर पर रोशनी की व्यवस्था घर में हो, यह जरूरी है। गर्मियों में गहरे रंग के पर्दे घर को राहत देंगे तो सर्दियों में हलके रंग के पर्दे उसे गर्मी देंगे। ए.सी., हीटर, कूलर जैसे हर गैजेट का उपयोग तभी करें, जब यह जरूरी हो। अगर कमरे में नहीं हैं तो हर इलेक्ट्रिकल गैजेट का स्विच ऑफ कर दें।

    फोन बिल बढ़ने से रोकें

    21़ कोई भी स्कीम लेते समय अपने ऑपरेटर से इसकी जानकारी ले लें। तय करें कि आपकी आउटगोइंग कॉल्स में लोकल ज्यादा हैं या नेशनल-इंटरनेशनल। अगर इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं तो भी देख लें कि किस समय उसका उपयोग करते हैं और वह कितना है, इसी के हिसाब से ऑपरेटर आपके फोन पर कोई स्कीम देगा।

    22. फोन के प्रयोग में समय का ध्यान रखें। कई बार बातें निरर्थक और लंबी हो जाती हैं। फोन पर बेहद जरूरी बात ही करें। अगर आसपास के किसी व्यक्ति से बात करनी हो तो बेहतर होगा कि उससे मिलकर ही बात कर लें।

    23. आजकल मोबाइल फोन पर रिंगटोन या अन्य कई अतिरिक्त सुविधाओं के लिए एस.एम.एस. या कॉल्स आती रहती हैं। इन्हें लेते समय ध्यान रखें कि आपके फोन का बिल कितना बढ़ेगा।

    24. क्या आपका काम ऐसा है जिसमें ज्यादा एस.एम.एस. करने पड़ते हैं तो सर्विस प्रोवाइडर से बात करके कोई ऐसी स्कीम लें जिसमें अनलिमिटेड एस.एम.एस. की सुविधा हो।

    25. आजकल घर में सबके पास अपना सेलफोन होना जरूरी समझा जाता है। क्या आपके घर में भी हर सदस्य के पास अलग-अलग फोन है और एक लैंडलाइन फोन भी है? सारे फोन बिल्स को जोड़कर देखें और तब तय करें कि वाकई इतने फोन घर में जरूरी हैं? यह बजट से बाहर है तो एकाध फोन कम करें। फ्यूल सेविंग

    26. धीरे चलें व सफर का आनंद लें। अगर गाड़ी की स्पीड 40-60 किमी. प्रति घंटा रहती है तो पेट्रोल की बचत होती है। इसलिए स्पीड कम करें, दुर्घटना से बचें और फ्यूल बचाएं।

    27. महीने में एक बार टायर प्रेशर चेक करें। इसे चेक करते हुए ध्यान रखें कि गाड़ी ठंडी हो, तभी उसका प्रेशर ठीक से जांचा जा सकेगा।

    28. एयर फिल्टर की जांच करते रहें। अगर फिल्टर पर धूल जमी हो तो वह इंजन तक ठीक तरह से एयर नहीं पहुंचा सकेगा। इससे गाड़ी की परफॉरमेंस पर असर पड़ेगा। फिल्टर चेक करने का आसान तरीका है कि इसके भीतर से झांकें। अगर दूसरी तरफ साफ दिखाई दे रहा है तो ठीक है, अन्यथा इसे बदलने की जरूरत है।

    29. रेड लाइट पर गाड़ी का इंजन बंद करके थोड़ी देर आराम फरमाएं। इस दौरान हलकी-फुलकी स्ट्रेचिंग कर लें। मौसमअगर ठीक है तो ए.सी. ऑन रखना अक्लमंदी की बात नहीं। शीशे उतारें और प्रकृति का आनंद लें।

    30. कार पूल करें। यदि तीन-चार कलीग्स एक रूट के हैं तो ऑफिस आने-जाने के लिए कार पूल करना बेहतर उपाय है। पति-पत्नी के ऑफिस भी यदि एक रूट पर हैं तो अपने समय में थोड़ी हेर-फेर करें और एक गाड़ी से काम चलाएं। इससे सड़क पर भीड़ कम करने में मदद मिलेगी, साथ ही आपकी बचत भी होगी।

    जागरण सखी

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