Mandeep Singh Interview: ओलंपिक खेलना ही नहीं, स्वर्ण पदक जीतना भी है लक्ष्य
Mandeep Singh Interview भारतीय हॉकी टीम इस समय ओलंपिक खेलों की तैयारियों में जुटी हुई है और टीम के फॉरवर्ड खिलाड़ी मनदीप सिंह ने कहा है कि उनका और टीम का लक्ष्य ओलंपिक खेलना ही नहीं बल्कि स्वर्ण पदक जीतना है।
भारतीय हॉकी टीम के फॉरवर्ड मनदीप सिंह बेंगलुरु के साई सेंटर में टीम के साथ ओलंपिक की तैयारियों में जुटे हैं। पंजाब के जालंधर के रहने वाले इस खिलाड़ी का लक्ष्य टीम को स्वर्ण पदक दिलाकर अपने पहले ओलंपिक को यादगार बनाना है। इसके लिए वह मैदान पर खूब पसीना बहा रहे हैं। ओलंपिक की तैयारियों को लेकर मनदीप सिंह से कमल किशोर ने बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश:
-टोक्यो ओलंपिक के लिए आपकी तैयारी कैसी चल रही है?
--स्वर्ण पदक का लक्ष्य लेकर पूरी टीम बेंगलुरु में खूब पसीना बहा रही है। जापान में इस समय गर्मी का मौसम होगा। ऐसे मौसम के लिए हम खुद को तैयार कर रहे हैं। इसलिए धूप में अभ्यास किया जा रहा है, ताकि मौसम हमारे रास्ते में रुकावट ना बन सके। कोच भी मुकाबले के दौरान मौकों को भुनाने की तकनीकी कमियों को सुधार रहे हैं। साथ ही अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया और जापान जैसी टीमों की रणनीति को भी ध्यान में रखकर हम तैयारी कर रहे हैं।
- आप भारतीय टीम के रास्ते में किस टीम को बड़ी रुकावट मानते हैं?
-ओलंपिक में पहुंचने वाली कोई भी टीम कमजोर नहीं होती। वैसे भी मैदान में किसी भी प्रतिद्वंद्वी को कम नहीं आंकना चाहिए। हर टीम अपना बेहतर प्रदर्शन देने की कोशिश करती है और हमारा भी लक्ष्य यही होगा कि हम हर मुकाबले में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन दें। हमारी प्रतिस्पर्धा प्रतिद्वंद्वी के साथ खुद से भी है, ताकि 41 वर्ष बाद देश को फिर स्वर्ण पदक दिलाया जा सके। वैसे पिछले वर्ष हम बेल्जियम और हालैंड जैसी मजबूत टीमों को मात दे चुके हैं।
-क्या आपको इस टीम का कोई कमजोर पहलू दिखता है?
--नहीं, टीम में किसी तरह की कोई कमजोरी नहीं है। पूरी टीम युवा है। हमारा लक्ष्य सिर्फ ओलंपिक में खेलना नहीं, बल्कि स्वर्ण पदक जीतना है। टीम यहां एकजुट होकर अभ्यास कर रही है। सबका फोकस देश को फिर से पदक दिलाना है।
-अपने आप को फिट कैसे रख रहे हैं?
--मुख्य कोच ग्राहम रीड खेल की बारीकियों को समझाने के साथ-साथ फिटनेस पर भी विशेष ध्यान दे रहे हैं। रोजाना कई घंटे अभ्यास करते हैं। अच्छी डाइट के साथ योग भी करते हैं, ताकि शारीरिक और मानसिक तौर पर मजबूत हो सकें। इसका भी ध्यान रखा जाता है कि किसी प्रकार की इंजरी ना हो।