संतोषगढ़ में पहली बारिश ने खोल दी प्रबंधों की पोल
स्थानीय नगर परिषद क्षेत्र में हुई बरसात की पहली बारिश ने ही प्रबंधों की पोल खोल दी है।

संवाद सहयोगी, संतोषगढ़ : स्थानीय नगर परिषद क्षेत्र में हुई बरसात की पहली बारिश ने ही प्रबंधों की पोल खोलकर रख दी है। कुछ देर की बारिश से नगर के कई स्थानों पर जलभराव हो गया। इससे स्थानीय लोगो और दुकानदारों का लाखों का नुकसान हुआ है। इस बारिश ने नगर परिषद के उन दावों की पोल खोल दी जिसमें कहा गया था कि बरसात के लिए पूरी तरह तैयारी कर ली गई है और जल निकासी बेहतर है।
दैनिक जागरण ने पहले ही अंदशा जताया था कि नालों की सफाई न होने के कारण नगर में जलभराव होने से भारी नुकसान हो सकता है। नगर परिषद की ओर से नालों की सफाई की सुस्त रफ्तार ने नगर में जलभराव जैसी घटना को अंजाम दे दिया। अभी तो बरसात की पहली बारिश हुई है। इससे लोगों को चिता सताने लगी है कि अगर ज्यादा समय बारिश हो गई तो तस्वीर भयानक हो सकती है।
लगभग दो वर्ष पहले भी संतोषगढ़ में जलभराव से लोगों के घरों में पानी घुस गया था। उस समय भी लाखों का नुकसान हुआ था। इस साल भी सरकारी स्कूल अछूता नहीं रहा और स्कूल का सारा रिकार्ड भीग गया था जिसे सुखाने के लिए विद्यालय के कर्मचारियों का पसीना छूट गया था। इसके अलावा स्थानीय लोगों का लाखों का नुकसान हो गया था। अब जबकि तस्वीर पहले जैसी ही बनती नजर आ रही है तो चिंता होनी लाजिमी है। स्थानीय निवासी पप्पी पटियाल, गोविद शर्मा, अशोक ठाकुर, रवि खटकड़, विनीत शर्मा, सुमित सैनी, दर्शन सैनी, पिकी सिंह व राम चौधरी ने मांग की है कि पानी की निकासी का स्थायी हल किया जाए ताकि हम खौफ के बगैर सो सकें कि रात को बारिश होने पर हमारे घरों में पानी नहीं आएगा।
-------------- वार्ड नंबर दो में जलभराव का मुख्य कारण अजोली की तरफ से आने वाला पानी है जिसे संभालने के लिए नगर परिषद द्वारा बनाए नाले पर्याप्त नही हैं। यह मामला बैठक में लाया गया था कि ऊना की तर्ज पर एक बड़ा प्रोजेक्ट संतोषगढ़ में लाया जाए। ड्रोन की सहायता से पहले क्षेत्र का सर्वे हो और फिर नालो की क्षमता बढ़ाकर इन्हें बनाया जाए।
-रजनीश चब्बा, उपाध्यक्ष, नगर परिषद
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