"ऊना में 'मिशन फ्री-फुटपाथ' की निकली हवा, अवैध कब्जों से सड़कों पर भटक रहे राहगीर
ऊना शहर में 'मिशन फ्री-फुटपाथ' अभियान विफल होता दिख रहा है। नए बस अड्डे के पास फुटपाथों पर अवैध कब्जों के कारण राहगीरों को सड़क पर चलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे दुर्घटना का खतरा बढ़ गया है। प्रशासन के अतिक्रमण हटाने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं, और शहर की सड़कें सिकुड़ती जा रही हैं।

नए बस अड्ड़े के पास समस्या बनी गंभीर, मजबूरी में सडक पर चल रहे लोग (फोटो: जागरण)
चंचल बाली, ऊना। ऊना मुख्यालय पर राहगीरों को फुटपाथों पर सुगम और सुरक्षित आवाजाही के लिए शुरू किया गया मिशन फ्री-फुटपाथ' अभियान मात्र फाईलों तक ही सीमित होकर रह गया है। मिशन फ्री-फुटपाथ अभियान का उद्देश्य फुटपाथों को अतिक्रमण मुक्त कराना है। इस अभियान के तहत फुटपाथों पर कब्ज़ा करने वालों को नोटिस देकर हटाना शामिल है।
लेकिन इस मिश्न का मुख्य उद्देश पूरा होता नहीं दिख रहा है। ऊना शहर में राहगीरों के लिए पैदल चलने के लिए बनाए गए फुटपाथों पर अवैध कब्जे किए जा रहे हैं। जिससे राहगीरों को मजबूरी में ही सडक पर चलना पड़ रहा है। सवसे ज्यादा समस्या नए बस अड्ड़े के बाहर उत्पन्न हो रही है। जहां पर फुटपाथ पर कब्जे के कारण जहाां बसों के लिए निकलना मुश्किल हो रहा है, वहीं राहगीर अपनी जान हथेली पर रखकर फुटपाथ की जगह सडक पर चलने को मजबूर हो रहे हैं।
प्रशासन के शहर में अतिक्रमण हटाने के लिए किए जाने वाले दावे धरातल पर खरे नहीं उतर रहे हैं। फुटपाथ पर अवैध कब्जा करके सामान सजाया जा रहा है और राहगीर सड़क पर चलने को मजबूर हैं। इससे हर वक्त हादसे का खतरा बना रहता है। मौजूदा स्थिति में राहगीरों को फुटपाथ पर चलने के लिए सावधानी बरतनी पड़ रही है और सड़क के किनारे चलना पड़ रहा है।
बीते दिनों शहर के व्यापार मंडल और समाजसेवी संस्थाओं ने अतिक्रमण रोकने को लेकर दुकानदारों व शहरवासियों से आग्रह किया। इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा। ऊना शहर में अतिक्रमण के चलते सड़कें सिकुड़ती जा रही हैं। इससे वाहन चालकों सहित पैदल चलने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन की तरफ से बीते दिनों अतिक्रमण हटाने के लिए अभियान चलाया गया। इसका कुछ दिन तक तो असर देखने को मिला। वर्तमान में हालत फिर वैसे हो गए हैं। पैदल चलने के लिए बनाए गए फुटपाथ पर अवैध रेहड़ी-फड़ी लग रही है। सुबह और दोपहर को तो इनकी संख्या कम ही होती है। शाम होते-होते सारी सड़कें अवैध रेहड़ी फड़ी से भर जाती हैं।
इस पर प्रशासन की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अवैध पार्किंग और यातायात नियमों की अवहेलना को लेकर पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। दूसरी तरफ शहर में हो रहे अतिक्रमण को लेकर प्रशासन और पुलिस मौन है।
अगर शाम के समय शहर के सड़कों की हालत देखी जाए तो शायद ही कोई क्षेत्र होगा जहां अतिक्रमण न हो। इससे पैदल चलने वाले लोगों को मजबूरी में फुटपाथ को छोड़कर सड़क पर चलना पड़ता है। ऐसे में शहर में कई सड़क हादसे हो चुके हैं।
जिला ऊना के उपायुक्त जतिन लाल ने कहा कि शहर में अतिक्रमण हटाने के लिए जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। इसे लेकर एक बार सभी से आग्रह किया है। अगर फिर भी कोई नियमों की अवहेलना करता है तो उचित कार्रवाई होगी।

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