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    बंगाणा: स्कूल बैग धोने गई तीन बहनों के साथ दर्दनाक हादसा, छपरोह खड्ड में डूबने से मौत

    Updated: Thu, 02 Oct 2025 10:12 PM (IST)

    बंगाणा में छपरोह खड्ड में तीन मासूम बच्चियों की डूबने से मौत हो गई। बच्चियां स्कूल बैग धोने गई थीं तभी एक का पैर फिसल गया और उसे बचाने में दो अन्य भी डूब गईं। तीनों रिश्ते में बहनें थीं और बेहतर शिक्षा के लिए गांव से दूर रह रही थीं। इस घटना से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है।

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    बंगाणा की छपरोह खड्ड में डूब गई दो परिवारों की खुशियां (फोटो: जागरण)

    जीएस जस्सल, बंगाणा। उपमंडल बंगाणा की बल्ह पंचायत में वीरवार को घटी हृदय विदारक घटना ने पूरे क्षेत्र को गहरे शोक में डुबो दिया है। छपरोह खड्ड में डूबकर तीन मासूम बच्चियों की मौत से स्वजन सदमे में हैं। खड्ड में डूब रही एक बच्ची को बचाते दो अन्य बच्चियां भी डूब गईं।

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    रिश्ते में तीनों बहनें थीं- दो सगी बहनें और तीसरी उनकी मौसी की बेटी। कोमल और सोनाक्षी दोनों सगी बहनें थीं। कोमल आठवीं जबकि सोनाक्षी नवमी कक्षा में पढ़ती थी। उनकी मौसी की बेटी खुशी सोनाक्षी के साथ ही नवमी कक्षा में पढ़ती थी।

    जानकारी के अनुसार, मृतक दो बच्चियां मूल रूप से लिदकोट गांव की रहने वाली थीं, लेकिन गांव के समीप चुल्हड़ी स्कूल में अध्यापकों की कमी के चलते अजय नामक व्यक्ति ने अपनी दोनों बेटियों की पढ़ाई के लिए बल्ह स्कूल के नजदीक किराये पर मकान लिया था। परिवार का उद्देश्य सिर्फ इतना था कि बच्चियां बेहतर शिक्षा हासिल कर सकें। रिश्तेदारी में रहने वाली मौसी की बेटी भी उन्हीं के साथ पढ़ने और रहने लगी थी।

    प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा उस समय हुआ जब बच्चियां स्कूल बैग धोने के लिए छपरोह खड्ड में गई थीं। अचानक पैर फिसलने से एक बच्ची गहरे पानी में जा गिरी। उसे बचाने के लिए बाकी दोनों ने भी पानी में छलांग लगा दी, लेकिन तेज बहाव और गहराई के कारण तीनों मासूम मौत के मुंह में समा गईं।

    यह त्रासदी परिवार ही नहीं, बल्कि पूरे इलाके के लिए असहनीय सदमा बन गई है। अजय और उनकी पत्नी को क्या मालूम था कि बच्चियों की पढ़ाई के लिए गांव छोड़ने और किराये का मकान लेने का निर्णय उनकी दो बेटियों की जिंदगी निगल लेगा। रिश्ते में तीनों बहनों के एक साथ असमय निधन से गांव और क्षेत्र के लोग स्तब्ध हैं।

    बताया जा रहा है कि घटना के समय परिवार की एक महिला सदस्य घर पर भी मौजूद नहीं थी, क्योंकि वह अपने पति के पास शहर में गई हुई थी। इस हादसे ने सरकारी स्कूलों की दुर्दशा और स्टाफ की भारी कमी की हकीकत भी उजागर कर दी है।

    ग्रामीणों का आरोप है कि अगर चुल्हड़ी स्कूल में पर्याप्त शिक्षक होते तो घरवासड़ा का परिवार बच्चियों को पढ़ाई के लिए गांव से बाहर किराये का मकान लेने पर मजबूर नहीं होता और शायद यह दर्दनाक घटना भी न घटती।

    ऊना में पहले भी मिले हैं जख्म

    2021 में अंदरोली में गोबिंद सागर झील में डूबने से पंजाब के सात युवक डूबे।

    2022 में स्वां नदी में डूबने से दो युवकों की मौत हुई।

    2024 में रायपुर सहोड़ा में तालाब में नहाते तीन बच्चों की जान गई।

    2025 में ब्रह्मोति मंदिर के निकट सतलुज नदी में नहाने गए दो युवकों की डूबने से मौत हो गई।