हिमाचल के मंदिरों में डिजिटल सेवाओं के विस्तार के लिए बनेगी राज्यव्यापी नीति: मुकेश अग्निहोत्री
हिमाचल प्रदेश के ऊना में डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग के सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। मुकेश अग्निहोत्री ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि राज्य में डिजिटल प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग से सरकारी सेवाओं को अधिक सुगम और प्रभावी बनाया जाएगा। उन्होंने डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से मंदिरों में दर्शन दान और अन्य सेवाओं की व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए एक राज्यव्यापी नीति तैयार करने के निर्देश दिए।
जागरण संवाददाता, ऊना। हरोली क्षेत्र के पालकवाह गांव में स्थित कौशल विकास केंद्र के सभागार में मंगलवार को डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग के सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। आयोजित सम्मेलन में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
उन्होंने कहा कि राज्य में डिजिटल प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग से सरकारी सेवाओं को अधिक सुगम और प्रभावी बनाया जाएगा। उन्होंने डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से मंदिरों में दर्शन, दान और अन्य सेवाओं की व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए एक राज्यव्यापी नीति तैयार करने के निर्देश दिए।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में विश्व प्रसिद्ध शक्तिपीठ एवं ऐतिहासिक मंदिर हैं। डिजिटल माध्यम से मंदिर दर्शन और डोनेशन की व्यवस्था बनाने समेत प्रदेश के लिए एकरूप डिजिटल व्यवस्था बनाने की दिशा में काम करें। उन्होंने शासन व्यवस्था को और बेहतर बनाने में डिजिटल प्रौद्योगिकी के सदुपयोग पर बल दिया है।
साथ ही सार्वजनिक सेवाओं की पहुंच बढ़ाने और रोजगार सृजन में तकनीक के बेहतर इस्तेमाल पर फोकस करने को कहा। मुकेश अग्निहोत्री ने जिला प्रशासन को ऊना में अधिक से अधिक नवोन्मेषी कार्यक्रमों के आयोजन को कहा ताकि बच्चे और युवा तकनीकी शिक्षा के माध्यम से लाभान्वित हो सकें।
उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से न केवल बच्चों को आधुनिक तकनीकी ज्ञान मिलेगा, बल्कि उन्हें भविष्य के रोजगार के अवसरों के लिए भी तैयार किया जा सकेगा। इस अवसर पर डिजिटल प्रौद्योगिकी और गवर्नेंस विभाग के सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने कहा कि विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि प्रौद्योगिकी का लाभ केवल विशिष्ट वर्ग तक सीमित न रहकर गांवों और हिंदी में कामकाज करने वाले आम नागरिकों तक भी पहुंचे।
इस विचार के साथ इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है, ताकि लोग डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग को लेकर जागरूक हों। उन्हें घर बैठे सरकारी सेवाओं का लाभ मिल सके और ग्रामीण क्षेत्रों में तकनीकी साक्षरता का विस्तार हो।
ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भर बनने के लिए करना होगा काम
उपमुख्यमंत्री ने ड्रोन प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवाचार लाने और इसे ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए समन्वित प्रयासों की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि ड्रोन के जरिए दूरदराज और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आवश्यक सेवाएं जैसे दवाओं की सप्लाई तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए, लेकिन इस दिशा में अभी और काम की आवश्यकता है।
उपमुख्यमंत्री ने इस बात पर चिंता जताई कि भारत में फिलहाल ड्रोन का निर्माण नहीं हो रहा और अधिकतर ड्रोन चीन से आयात किए जाते हैं। उन्होंने कहा कि हमें ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में तेजी से काम करना चाहिए ताकि हम आत्मनिर्भर बन सकें। साथ ही बच्चों के लिए ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण देने पर ध्यान देना होगा। उन्होंने ट्रिपल आईटी ऊना को अपने वहां बच्चों के लिए ड्रोन पायलट ट्रेनिंग देने के लिए 3 या 6 महीने के लघु कोर्स चलाने का सुझाव दिया।
आम लोगों तक पहुंचे तकनीक का फायदा
मुकेश अग्निहोत्री ने डिजिटल प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञों से आग्रह किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि तकनीक का लाभ आम लोगों तक पहुंचे और उनके जीवन को सरल बनाने में योगदान दे। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति की सार्थकता तभी है जब यह सार्वजनिक सेवाओं को सुलभ बनाते हुए लोगों के जीवन में आसानी लाए।
उपमुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं के विस्तार के लिए लोकमित्र केंद्रों की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में लोकमित्र केंद्र अभी स्थापित नहीं किए गए हैं, वहां इन्हें स्थापित करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी इन सेवाओं का लाभ उठा सकें।
भारत में सूचना प्रौद्योगिकी लाने का श्रेय कांग्रेस को
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की प्रगति का श्रेय कांग्रेस पार्टी को देते हुए कहा कि स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने देश में कंप्यूटर युग की शुरुआत की थी। उस समय विपक्ष ने इसका जोरदार विरोध किया था और संसद में बैलगाड़ियों से आकर यह दावा किया कि कंप्यूटर से देश का नुकसान होगा और रोजगार खत्म हो जाएंगे।
लेकिन समय ने दिखा दिया कि सूचना प्रौद्योगिकी ने भारत में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया है और देश को प्रगति की नई राह पर आगे बढ़ाया है। अग्निहोत्री ने कहा कि वर्तमान में सरकारी कार्यालयों की कार्य प्रणाली को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा रहा है, जिससे लोगों को अधिक सुविधाएं ऑनलाइन मिल रही हैं। उन्होंने बताया कि पहले लोगों को रोजगार समाचार के जरिए नौकरियों की जानकारी मिलती थी, लेकिन अब आईटी युग में कंप्यूटर, टैबलेट और मोबाइल फोन के जरिए नौकरियों की सूचना तुरंत ऑनलाइन उपलब्ध हो जाती है।