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    अग्निशमन वाहन पहुंचने तक राख हो जाता है सब कुछ

    By JagranEdited By:
    Updated: Mon, 25 Apr 2022 11:50 PM (IST)

    जैसे ही गर्मी अपना प्रकोप दिखाती है वैसे ही अग्निकांड शुरू हो जाते हैं।

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    अग्निशमन वाहन पहुंचने तक राख हो जाता है सब कुछ

    अविनाश विद्रोही, गगरेट

    जैसे ही गर्मी अपना प्रकोप दिखाती है, वैसे ही अग्निकांड शुरू हो जाते हैं। जब-जब आग की घटनाएं होती हैं तो गगरेट में अग्निशमन केंद्र की कमी खलने लगती है। हैरत इस बात की है कि गगरेट में अपना कोई अग्निशमन केंद्र नहीं है। जिला ऊना के बाकी चार विधानसभा क्षेत्रों में अग्निशमन केंद्र हैं। गगरेट क्षेत्र को अम्ब क्षेत्र से जोड़ा गया है। अम्ब का क्षेत्र बहुत लंबा चौड़ा है। अम्ब में भी अग्निकांड की वजह से गगरेट क्षेत्र में अग्निशमन वाहन जब तक पहुंचता है, तब तक आग बहुत ज्यादा नुकसान कर चुकी होती है और सब कुछ राख हो जाता है।

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    गगरेट में लगभग दो लाख के करीब जनसंख्या है जबकि सैकड़ों एकड़ में फैला हुआ जंगल भी है। गर्मियों में जंगल और फसल में आग की घटनाएं सबसे अधिक होती हैं। इतने बड़े क्षेत्र में एक भी अग्निशमन केंद्र न होना क्षेत्र की बड़ी समस्या है। ऐसा भी नहीं है कि अग्निशमन विभाग सिर्फ आग लगने पर ही काम आता है। अग्निशमन विभाग से अक्सर कई तरह के रेस्क्यू में भी पुलिस व प्रशासन सहयोग लेता है। गगरेट क्षेत्र के तीन मुख्य बाजार गगरेट, दौलतपुर व मुबारिकपुर हैं। मुबारिकपुर के लिए तो अम्ब स्टेशन नजदीक है लेकिन गगरेट और दौलतपुर बाजार के लिए अग्निशमन केंद्र अम्ब से बहुत दूर है। औद्योगिक संघ अग्निशमन केंद्र के लिए कर रहा प्रयास

    गगरेट में उद्योग होने के कारण अक्सर अग्निशमन केंद्र की कमी खलती है। उद्योगों को साफ निर्देश हैं कि वे अग्निशमन यंत्र उद्योग में लगाएं और उद्योगपति इन्हें लगा भी लेते हैं। हालांकि अग्निशमन यंत्र बड़ी आग को रोकने में अक्सर असफल होते हैं। हाल ही में गगरेट के औद्योगिक क्षेत्र जीतपुर बेहड़ी में एक उद्योग में आग लगने से लाखों रुपये का नुकसान हुआ था। ऐसे में औद्योगिक संघ भी गगरेट में अग्निशमन केंद्र खोलने के लिए सरकार से लगातार मांग कर रहा है लेकिन अभी तक इसे पूरा नहीं किया गया है। हाईड्रेंट हैं लेकिन वाहन नहीं

    अग्निशमन वाहन के लिए सबसे अनिवार्य पानी होता है। इसके लिए मौजूदा समय में हर शहरी क्षेत्र में हाईड्रेंट अनिवार्य रूप से रखे जाते है ताकि आपातकाल में पानी भरा जा सके। हैरानी वाला विषय यह है कि ऊना बाजार में हाईड्रेंट नहीं हैं। गगरेट और दौलतपुर दोनों जगह हाईड्रेंट हैं और जलशक्ति विभाग उनका समय-समय पर परीक्षण भी करता रहता है। गगरेट को सिर्फ वाहन की जरूरत है, बाकी व्यवस्था गगरेट में पहले से ही है। जिले में अग्निशमन केंद्र,वाहन व स्टाफ

    विधानसभा क्षेत्र,वाहन,स्टाफ

    ऊना,1 बड़ी गाड़ी,1 छोटी, 1 मोटरसाइकिल, 30

    हरोली,1 बड़ी गाड़ी,1 छोटी,15

    अम्ब,1 बड़ी गाड़ी, 1 छोटी,15

    बंगाणा,एक बड़ी गाड़ी,15

    (बड़ी गाड़ी यानी वाटर टेंडर, छोटी गाड़ी यानी क्विक रेस्पांस व्हीकल)

    विभाग के पास नहीं आया प्रस्ताव

    गगरेट में लोग गर्मियों में मात्र एक अग्निशमन वाहन की मांग कर रहे हैं ताकि तुरंत सहायता मिल पाए। इसमें स्टाफ को लेकर असमंजस की स्थिति है कि गगरेट में स्टाफ की सेटिग कैसे हो क्योंकि इस वाहन के साथ 24 घंटे स्टाफ की जरूरत होती है। गगरेट में सबसे पहले फायर चेक पोस्ट खुले और उसमें स्टाफ भरा जाएगा तब जाकर वहां अग्निशमन केंद्र खुल सकता है। अभी तक ऐसा कोई प्रस्ताव विभाग के पास सरकार की तरफ से नहीं आया है।

    ऊना जिला में चार अग्निशमन केंद्र हैं जिसमें गगरेट को फिलहाल अम्ब केंद्र के साथ अटैच किया गया है। अभी तक गगरेट में अग्निशमन केंद्र खोलने का कोई प्रस्ताव नहीं है।

    -नितिन धीमान, फायर आफिसर, ऊना

    अग्निशमन विभाग से बातचीत करके फिलहाल एक अग्निशमन वाहन गगरेट में खड़ा करने पर विचार किया जाएगा। यदि संभव हुआ तो गगरेट में जल्द एक गाड़ी गर्मियों के सीजन में खड़ी कर दी जाएगी।

    -राघव शर्मा, उपायुक्त, ऊना