ऊना राजपरिवार संपत्ति विवाद में राजा के बेटे बुद्धिश्वर पाल का खुलासा, बताया क्यों नहीं की जा सकती विल
ऊना के कुटलैहड़ रियासत के राज परिवार में संपत्ति को लेकर विवाद जारी है। राजा महेंद्र पाल के बेटे बुद्धिश्वर पाल ने पत्रकार वार्ता में बताया कि यह संपत्ति हेरेडिटरी है और इसकी वसीयत नहीं की जा सकती। उन्होंने राजस्व इंतकाल को चुनौती दी है। बुद्धिश्वर पाल ने अपनी माता-पिता के तलाक की अफवाहों का खंडन किया और छोटे भाई को स्वयंभू राजा बताया।

जागरण संवाददाता, ऊना। जिला ऊना की कुटलैहड़ रियासत के राज परिवार के बीच संपत्ति को लेकर चल रहा विवाद अदालत के बाद अब खुलकर मीडिया के सामने आ गया है। इस रियासत के राजा रहे महेंद्र पाल के बेटे बुद्धिश्वर पाल ने शनिवार को जिला मुख्यालय ऊना में पत्रकार वार्ता का आयोजन करते हुए इस विवाद में अपना पक्ष रखा।
उन्होंने कहा कि उनकी संपत्ति हेरेडिटरी प्रॉपर्टी के रूप में जानी जाती है। और इस संपत्ति की कभी भी वसीयत नहीं की जा सकती। यही कारण है कि इस वसीयत को उन्होंने चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि इस राजस्व इंतकाल को राजस्व विभाग के सेक्शन ऑफिसर के कार्यालय में भी दर्ज कराया गया और उसी को चुनौती दी गई है।
उनकी माता के पिता के साथ तलाक को लेकर सामने आ रही बातों के संबंध में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए राजा बुद्धिश्वर पाल ने कहा कि यह केवल मात्र कोरी अफवाह है उनके माता और पिता के बीच कभी भी तलाक नहीं हुआ। उनकी माता आज भी जीवित हैं।
उन्होंने कहा कि इस तरह की अफवाह फैलाने के जवाब के रूप में अदालत में मानहानि का दावा भी आगामी समय में किया जा सकता है। उन्होंने अपने छोटे भाई को स्वयंभू राजा करार देते हुए कहा कि राज घरानों की परंपराओं के अनुसार हमेशा बड़ा पुत्र राजा रहा है। उन्होंने अपने ही पिता की दूसरी शादी को भी विवादास्पद बताया। उन्होंने कहा कि उनके पिता की दूसरी शादी 60 के दशक में हुई थी जबकि हिंदू जीवन पद्धति में एकल विवाह का कानून वर्ष 1959 में लाया जा चुका था।
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