सतीश चंदन, ऊना

बेशक प्रदेश सरकार की सात सदस्यीय कमेटी व एनजीटी की रिपोर्ट के बाद खनन माफिया पर पूर्ण रूप से शिकंजा कसने की सिफारिश की गई है लेकिन इसके बावजूद खनन माफिया रात के अंधेरे में स्वां नदी का सीना छलनी कर रहा है। हालांकि क्रशर संचालक पूरे नियमानुसार अपने कार्य को कर रहा है लेकिन रेत की ओपन सेल लीज धारक विभागीय परमिट को ढाल बनाकर खनन को अंजाम दे रहे हैं। स्वां नदी से पानी के मध्य से रेत को सीधे ट्रकों में भरा जा रहा है। खनन विभाग की तरफ से ओपन सेल लीजधारकों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिए थे कि खनन प्रक्रिया शुरू करने से पहले पुन: निशानदेही पोल लगाने जरुरी है। औपचारिकताएं पूरी करने के बाद ऐसे ओपन सेल लीजधारक पहले से स्वां नदी से निकाले गए रेत के डंप से रेत को बेच सकते हैं। हैरत का विषय है कि शायद ही विभाग के पास कुछ लीज धारकों ने अपने दस्तावेज जमा करवाए होंगे लेकिन अधिकांश अभी भी औपचारिकताएं पूरी किए बिना रात के अंधेरे में खनन करने में जुटे हैं। खनन माफिया लाभ कमा रहा है और भवन निर्माण से जुड़े लोग पिस रहे हैं। लोगों से रेत के मनमाने दाम वसूले जा रहे हैं।

देखा जाए तो ऊना शहर में पुलिसकर्मी कई जगह पर ड्यूटी पर तैनात रहते हैं। रेत से भरे ट्रक व ट्रैक्टर-ट्राली उनके सामने से भी जाएं तो भी वे इनकी तरफ ध्यान नहीं देते। कुछ एक को छोड़ दिया तो अंधिकाश के पास इस काम का परमिट भी नहीं होता है। बावजूद इसके पुलिसकर्मी ऐसे ट्रकों की नियमित जांच करने से पता नहीं क्या कतराते हैं। बेशक प्रशासन व पुलिस के आला अधिकारी अवैध खनन को रोकने के लिए कई दफा औचक निरीक्षण करके रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई करते हैं लेकिन इस तरह की ढील कई सवाल खड़े करने लगी है।

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जिला में अवैध रूप से खनन करने वालों के खिलाफ विभाग के कर्मी औचक निरीक्षण के अलावा चालान भी करते हैं। विभाग की कार्रवाई के बाबजूद अवैध खनन किया जा रहा है तो इसके खिलाफ विशेष मुहिम छेड़ी जाएगी। ओपन सेल लीज धारकों के दस्तावेज की औपचारिकता पूरी हो गई हैं और इन्हें शिमला में विभाग के पास भेजा गया है। जिस भी लीज धारक को विभाग की तरफ से अनुमति मिलेगी,उसे खनन करने दिया जाएगा।

नीरज कांत, जिला खनन अधिकारी

ऊना।

Edited By: Jagran