ऊना में गौ सरंक्षण एवं लव जिहाद मामले में हिंदू संगठनों ने सरकार के खिलाफ निकाली रोष रैली
हिंदू संगठनों की ओर से आज जिला मुख्यालय ऊना में गौ सरंक्षण एवं लव जिहाद जैसे मामलों को लेकर सरकार का स्पष्ट रवैया न होने के खिलाफ रोष रैली निकाली गई। गोवंश पर अत्याचार के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।
ऊना, जेएनएन। हिंदू संगठनों की ओर से आज जिला मुख्यालय ऊना में गौ सरंक्षण एवं लव जिहाद जैसे मामलों को लेकर सरकार का स्पष्ट रवैया न होने के खिलाफ रोष रैली निकाली गई। स्थानीय एमसी पार्क में एकत्रित हिंदू संगठनों के नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रदेश भर में गौ सदन और गौशालाएं तो बना दी गई, गौ सेवा आयोग भी खोला गया, लेकिन अपेक्षा अनुरूप इनमें काम नहीं हो पा रहा है।
अधिकांश गौशाला बिना गोवंश के खाली पड़ी हुई हैं और गोवंश पर अत्याचार के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ऐसे मामलों को लेकर सरकार को गंभीर होना चाहिए। आयोग को मजबूत किए जाने की आवश्यकता है, जिससे गोवंश पर हो रहे अपराध में कमी आ सके। हिंदू संगठनों की ओर से लव जिहाद के मामलों में हो रही बढ़ोतरी पर भी चिंता व्यक्त की गई। कहा गया कि सरकार की कोई नीति स्पष्ट होनी चाहिए और ऐसे मामलों पर उचित कार्रवाई का प्रावधान होना चाहिये।
विश्व हिंदू परिषद के जिला संयोजक निर्मल ठाकुर ने कहा कि वर्तमान में गौ सेवा आयोग खोला गया है यह स्वागत योग्य है, लेकिन प्रदेश में जिस तरह से गोवंश पर अत्याचार हुए हैं इनको रोकने के लिए सरकार की नीति को स्पष्ट नहीं है। सरकार को चाहिए कि लोग गोवंश को लावारिस छोड़ने की जगह उन्हें गौशालाओं में रखने का प्रावधान करें। किसी तरह से जो लोग गोवंश को दूध के लिए इस्तेमाल करते हैं और किसी कारणवश उनके यहां गौर से बछड़ा पैदा होता है तो उस बछड़े की देखभाल करने के लिए गो सदनों में प्रावधान किया जाना चाहिए।
गौ सदन को मजबूत आर्थिक दृष्टि से भी बनाने की आवश्यकता है। इसमें गोवंश के कानों में टैग लगाने की जो प्रक्रिया है वह अत्यंत निंदनीय है इसे तुरंत बंद किया जाना चाहिए। ऐसे गोवंश पर और अत्याचार बढ़ने की संभावना है। लोग ऐसे में गोवंश के कान ही काट सकते हैं और ऐसी अपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे सकते हैं जिससे गोवंश को और अत्याचार बढ़ेंगे। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के धर्म प्रचार प्रमुख ओपी कहोल, विहिप के नेता रघुनाथ ठाकुर समेत बजरंग दल एवं अन्य हिंदू संगठनों से जुड़े कई पदाधिकारी भी रोष रैली में मौजूद थे। हिंदू संगठनों की ओर से बाद में ज़िला मुख्यालय में एक रोष रैली भी निकाली गई और जिला प्रशासन के माध्यम से अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री एवं राज्यपाल को एक ज्ञापन भी भेजा गया।
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