ऊना: मैहतपुर में लाइन रिपेयर के दौरान करंट से कर्मी की मौत, साथी बोले 'बिजली विभाग-ठेकेदार की लापरवाही'
ऊना के मैहतपुर में बिजली लाइन की मरम्मत करते समय करंट लगने से एक कर्मी की मौत हो गई। मृतक के साथी ने बिजली विभाग और ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाया है, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। बिजली बोर्ड ने भी घटना की जांच के लिए कमेटी गठित की है।

बिजली लाइन का मरम्मत कार्य करते लगा करंट, झुलसे कर्मी ने तोड़ा दम (फोटो: जागरण)
संवाद सहयोगी, ऊना। औद्योगिक क्षेत्र मैहतपुर में बिजली की 11 हजार केवी की तारों की मरम्मत करते हुए झुलसे कर्मी ने मंगलवार को पीजीआइ चंडीगढ़ में दम तोड़ दिया। मृतक की पहचान गुरप्रीत उर्फ चंदन पुत्र अशोक कुमार निवासी पालकवाह तहसील हरोली के रूप में हुई है।
मृतक के साथी राजिन्द्र कुमार निवासी रायपुर सहोड़ा के बिजली विभाग व ठेकेदार पर जड़े लापरवाही के आरोपों के बाद पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। उधर, बिजली बोर्ड ने भी इस मामले की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है।
राजिन्द्र कुमार निवासी रायपुर सहोड़ां ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह तथा गुरप्रीत पिछले पांच-छह वर्षों से बिजली का काम करते है। ठेकेदार राजीव कुमार कौशल ने सोमवार सुबह उन्हें औद्योगिक क्षेत्र मैहतपुर में टैंडर के अनुसार बिजली की लाइनों को खोलकर तारों की दूरी बढाने के लिए बुलाया।
इस दौरान बिजली विभाग के फोरमैन कुलवीर से 10.45 पर बिजली कट करने का परमिट नंबर 1405 प्राप्त करने के बाद उसने व गुरप्रीत ने ठेकेदार के साथ कार्य शुरू किया। गुरप्रीत खंभे पर चढ गया।
गुरप्रीत ने एचटी लाइनें काटी और उसके बाद उसी खंभे पर एलटी की लाइनें काट रहा था। इस दौरान लाइन में करंट दौड़ने से झुलसकर नीचे गिर गया। उसे जिला के अस्पताल में उपचार के बाद पीजीआइ चंडीगढ़ रेफर किया, जहां उसने दम तोड़ दिया।
सवाल यह उठ रहा है कि बिजली कट का परमिट प्राप्त करने के बाद आखिर में करंट कैसे आया। क्या सब स्टेशन में मौजूद किसी अन्य कर्मी ने लापरवाही बरती और लाइन आन कर दी।
ऐसे कई सवाल है, जिन पर विभाग अभी तक मौन है। राजिन्द्र कुमार ने विभाग व ठेकेदार पर सुरक्षा उपकरण न देने जैसे कई गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस शिकायत में इस बिंदू की भी गहनता से जांच कर रही है।
ऊना विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता दर्शन सिंह ने कहा कि इस घटना की जांच के लिए विभागीय कमेटी का गठन कर दिया है। जो पूरे मामले की रिपोर्ट बनाकर विभाग को सौंपेगी। रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी। अगर किसी विभागीय कर्मचारी की लापरवाही सामने आती है तो नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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