Himachal News: हिमाचल में सेना के पूर्व जवानों से करोड़ों की धोखाधड़ी, 15 ने दर्ज की शिकायत
हिमाचल प्रदेश के गगरेट में सेना से सेवानिवृत्त कर्मचारियों से करोड़ों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। 15 पूर्व फौजियों ने श्रेया इंफ्रा मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। आरोप है कि कंपनी ने 327 से अधिक लोगों से 6.09 करोड़ रुपये जमा करवाए और 14.41 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की। कंपनी ने निवेश को 15-18 महीनों में दोगुना करने का वादा किया था, जो कि झूठा निकला। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

15 पूर्व सैनिकों ने दर्ज की शिकायत
संवाद सहयोगी, गगरेट। सेना से सेवानिवृत्त कर्मचारियों से करोड़ों रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। इस संबंध में ठगी का शिकार हुए डंगोह खास के निवासी राजेंद्र सिंह सहित कुल 15 पूर्व फौजियों ने थाना गगरेट में शिकायत दी है।
इस शिकायत के आधार पर श्रेया इंफ्रा मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड लखनऊ समेत इससे जुड़ी कंपनियों के संचालकों पर गगरेट थाना में मामला दर्ज किया गया है।
आरोपितों ने ऊना, कांगड़ा, हमीरपुर व बिलासपुर जिलों के 327 से अधिक लोगों से करीब 6.09 करोड़ रुपये जमा करवाए और रिटर्न के नाम पर 14.41 करोड़ रुपये से अधिक की राशि ठगी। पूर्व फौजियों को विश्वास दिलाया गया था कि निवेश की गई रकम 15 से 18 महीने में दोगुनी कर दी जाएगी और प्लॉट भी अलॉट किया जाएगा, लेकिन न तो प्लाट दिए और न रकम वापस की गई। साथ ही यह भी कहा गया कि यह स्कीम सिर्फ फौजियों के लिए है।
आरोपित हेमंत कुमार राय, संगीता राय, श्रेया राय, राजेश कुमार सिंह, रेखा, अवधेश कुमार सिंह, सरिता यादव समेत कंपनी से जुड़े कई लोगों पर आरोप है कि उन्होंने विभिन्न जिलों में होटल की मीटिंगों, स्टार पार्टी व प्रलोभन भरे भाषणों के जरिए निवेशकों को आकर्षित किया। निवेशकों का आरोप है कि शुरू-शुरू में कुछ किस्तें देकर विश्वास बनाया गया ताकि बाकी लोग भी निवेश करें, लेकिन बाद में कंपनी ने भुगतान बंद कर दिया।
इसके अलावा इस कंपनी ने सेना से अधिकारी स्तर के लोगों को सबसे पहले प्रलोभन देकर अपना एजेंट बनाया ताकि निचले रैंक के लोग आसानी से इनके झांसे में आ जाएं। आरोपितों ने निवेश पत्र, रसीद व रजिस्ट्रेशन की झूठी प्रोसेस दिखाकर निवेशकों को भरोसा दिलाया।
जांच में यह भी सामने आया है कि कंपनी द्वारा दिखाए गए कई प्लाट कागजों पर ही थे और वास्तविक रूप से मौजूद नहीं थे। निवेशकों ने बताया कि आरोपितों ने दूसरी कंपनियों के नाम से भी योजना चलाई और लगातार लोगों को भ्रमित करते रहे। आरोपितों ने रकम वापस करने का वादा किया था, लेकिन बाद में एक-दूसरे पर आरोप मढ़कर जिम्मेदारी से बचने की कोशिश करने लगे। इसके बाद पीड़ितों ने गगरेट थाना में शिकायत दर्ज करवाई।
चिटफंड कंपनियों में पैसा निवेश करते समय जांच जरूर करनी चाहिए। फिलहाल मामला दर्ज कर लिया है और जांच जारी है। -अनिल पटियाल, एसडीपीओ अंब।

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