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    अनुबंध की नौकरी छोड़कर विभोर ने शुरू किया कारोबार, पाई सफलता

    By Vijay BhushanEdited By:
    Updated: Thu, 15 Apr 2021 05:19 PM (IST)

    चंडीगढ़ इंडस्ट्री ऑफिस में अनुबंध आधार पर नौकरी करने वाले विभोर पुंज अब खुद एक उद्योग के मालिक बन चुके हैं। जब देश में लॉकडाउन लागू हुआ तो विभोर को लगा कि उनकी नौकरी भी सुरक्षित नहीं है। इसी को देखते हुए उन्होंने नौकरी छोड़ अपना काम शुरू किया।

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    अपने उद्योग में कर्मचारियों के साथ विभोर पुंज। जागरण

    सुनील शर्मा, सोलन। मास्टर ऑफ बिजनेस इकॉनोमिक्स की पढ़ाई पूरी करने के बाद चंडीगढ़ इंडस्ट्री ऑफिस में अनुबंध पर नौकरी करने वाले विभोर पुंज अब खुद एक उद्योग के मालिक बन चुके हैं। जब देश में लॉकडाउन लागू हुआ तो विभोर पुंज को लगा कि उनकी नौकरी भी सुरक्षित नहीं है। परिवार और भविष्य की चिंता के लिए बस यही वह भय था जिसे अब विभोर पुंज को उद्योग का मालिक बना दिया है। विभोर के पिता प्रवीण पुंज ने उनका मार्गदर्शन किया और उनको आत्मनिर्भर बनने में मदद की।

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    विभोर पुंज ने अक्टूबर 2020 में सोलन के खादी बोर्ड में उद्योग खोलने की इच्छा को व्यक्त किया। खादी बोर्ड से उनका मार्गदर्शन किया गया और एक केस बनाकर बैंक भेजा गया। इसके बाद विभोर ने कड़ी मेहनत से उद्योग के संचालन के लिए प्रयास तेज कर दिए। अब कुछ ही महीने में वह महीने में अच्छी आमदन कर रहे हैं व जल्द ही जब कामकाज पटरी पर लौट जाएगा तो वह हर महीने लखपति होंगे।

    28 साल की उम्र में आत्मनिर्भर

    विभोर के पिता परवाणू में ही हिमाचल प्रिंटर के नाम से कारोबार चला रहे हैं। उनके कुछ संपर्क औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित हैं। उनकी मदद से उन्होंने बेटे का कारोबार भी शुरू करवाया है और अब विभोर पुंज अकेले इस कारोबार की बागडोर संभाल रहे हैं।

    विभोर ने कहा कि उनके उद्योग में अभी सात लोग काम कर रहे हैं। हालांकि उन्हेंं इस समय कुल 11 लोगों की आवश्यकता है। जब उनका काम रफ्तार पकड़ लेगा तो उसके बाद उन्हें करीब 20 से अधिक का स्टाफ चाहिए होगा। अभी कोरोना के चलते उनका कारोबार पूरी रफ्तार पर नहीं है। जल्द ही हालात सामान्य होंगे तो काम काज रफतार पकड़ेगा।

    कैसे शुरू हुआ उत्पादन और क्या है उत्पाद

    विभोर ने बताया कि उनके उद्योग परवाणू में सुप्रीम एसोशिएशन के नाम से स्थापित है। इसमें वह पॉलाथीन बैग तैयार करतेे हैं। अभी इस वक्त वह केवल बड़े औद्योगिक घरानों के लिए इंडस्ट्रियल पैकिंग तैयार कर रहे हैं। करीब 300 किलो प्रति दिन के हिसाब से उत्पादन हो रहा हैं। जल्द ही उत्पादन वह 800 किलो प्रतिदिन तक पहुंचाया जाएगा। विभोर ने बताया कि उन्होंने अभी फरवरी में ही काम शुरू किया है और उन्हें बेहतर रिस्पांस मिल रहा है। जनवरी में 10.85 लाख रुपये की मशीनरी लेकर आए थे, जिसकी मदद से वह बैग तैयार कर रहे हैं। इसके लिए उन्होंने खादी बोर्ड से 25 लाख का लोन लेकर कार्य शुरू किया था और अब काम से मिलने वाली आय से ही वह बैंक की किश्त, स्टॉफ का वेतन व अन्य खर्च निकाल रहे हैैं। वह महीने में करीब पचास हजार रुपये कमा रहे हैं।

    किसने, क्या कहा

    विभोर पुंज का केस खादी बोर्ड से ही तैयार किया गया था। खादी बोर्ड से ऐसे अनेकों सफल व्यवसायी निकले हैं जिन्होंने छोटा सा उद्योग स्थापित करने में खादी बोर्ड के माध्यम से कर्ज लिया।

    जसवीर सिंह, एडीओ, खादी बोर्ड सोलन

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    समय-समय पर खादी बोर्ड द्वारा दी जा रही सुविधाओं पर आधारित शिविर का आयोजन किया जाता है ताकि अधिक से अधिक युवा, महिलाएं व लोग इसका लाभ उठा सकें।

    पुरुषोत्तम गुलेरिया, उपाध्यक्ष, खादी बोर्ड के प्रदेश