Solan News: 460 मीटर सुरंग बनाने पर पता चला आगे है पानी का टैंक, अब रूट बदलने पर खर्च होंगे करोड़ों रुपये
हिमाचल प्रदेश में सोलन जिले के कंडाघाट में कालका-शिमला फोरलेन परियोजना के तहत बनाई जा रही सुरंग का कार्य दूसरे हिस्से में पानी का टैंक होने के कारण रोक दिया है। अब सुरंग का रूट बदलना पड़ेगा। एनएचएआइ अतिरिक्त बजट के लिए दोबारा डीपीआर बनाकर केंद्र सरकार को भेजेगा।

सोलन, जागरण संवाददाता : हिमाचल प्रदेश में सोलन जिले के कंडाघाट में कालका-शिमला फोरलेन परियोजना के तहत बनाई जा रही सुरंग का कार्य दूसरे हिस्से में पानी का टैंक होने के कारण रोक दिया है। अब सुरंग का रूट बदलना पड़ेगा। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) अतिरिक्त बजट के लिए दोबारा डीपीआर बनाकर केंद्र सरकार को भेजेगा।
बजट आने के बाद सुरंग का कार्य पूरा होगा। कंडाघाट बाईपास पर फोरलेन के लिए लगभग 500 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण हो रहा है। करीब 460 मीटर लंबी सुरंग तैयार कर दी है।
पानी का टैंक होने के कारण सुरंग को नहीं जोड़ा जा सकता
सुरंग को दूसरे छोर पर मिलाने की तैयारी थी, लेकिन तभी पता चला कि यहां पर पानी का टैंक है। इतनी बड़ी चूक तीन वर्ष में एनएचएआइ व सुरंग का निर्माण कर रही एरिफ इंजीनियरिंग कंपनी को पता नहीं चली। पानी का टैंक होने के कारण करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी सुरंग के दोनों छोर को मिलाया नहीं जा सकता है। सुरंग बनाने से पहले इसकी तकनीकी रिपोर्ट तैयार की जाती है और सर्वे होने के बाद काम शुरू होता है।
पानी का टैंक होने का नहीं चल पाया पता
अब सवाल उठ रहे हैं कि काम शुरू करने से पहले यह पता क्यों नहीं चला कि सुरंग के दूसरे हिस्से में पानी का टैंक है। अब एनएचएआइ ने सुरंग का रूट बदलने की योजना तैयार की है। इसकी प्रक्रिया में लंबा समय लग सकता है।
तकनीकि कारणों से सुरंग के दूसरे हिस्से को नहीं मिलाया जा सकता
एरिफ इंजीनियर कंपनी के डीजीएम अंकित वर्मा ने कहा कि सुरंग का निर्माण कार्य बंद कर दिया है। एनएचएआइ के साथ मिलकर इसका रूट बदला जा रहा है। तकनीकी कारणों से सुरंग के दूसरे हिस्से को नहीं मिलाया जा सकता है।
सुरंग निर्माण के अतिरिक्त बजट के लिए लिखा गया पत्र
एनएचएआई परियोजना के निदेशक आरए खुरल ने कहा कि सुरंग के दूसरे हिस्से में पानी का टैंक है। इस कारण इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। इसलिए सुरंग का रूट बदलना पड़ रहा है। इससे सुरंग की लंबाई करीब 250 मीटर और बढ़ जाएगी। इससे करोड़ों रुपये खर्च होंगे और भूमि का भी अधिग्रहण करना होगा। अतिरिक्त बजट के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है।

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