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    सलमान रुश्दी के बंगले में तोड़फोड़ करने वाला बोला- 1997 से कर रहा देखभाल, मेरे कमरों पर जड़े थे ताले

    Salman Rushdie Bungalow लेखक सलमान रुश्दी के सोलन स्थित बंगले के ताले तोड़ने पर मामला पुलिस थाना पहुंच गया है। 25 साल से बंगले की देखभाल कर रहे परिवार व बंगले की स्पेशल पावर आफ अटार्नी वाले पक्ष के बीच विवाद पैदा हो गया है।

    By Jagran NewsEdited By: Virender KumarUpdated: Thu, 24 Nov 2022 02:31 PM (IST)
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    सलमान रुश्दी के बंगले में तोड़फोड़ करने वाला बोला- 1997 से कर रहा देखभाल।

    सोलन, संवाद सहयोगी। Salman Rushdie Bungalow,  लेखक सलमान रुश्दी के सोलन स्थित बंगले के ताले तोड़ने पर मामला पुलिस थाना पहुंच गया है। 25 साल से बंगले की देखभाल कर रहे परिवार व बंगले की स्पेशल पावर आफ अटार्नी वाले पक्ष के बीच विवाद पैदा हो गया है। ताले तोड़ने के आरोपित गोविंद राम ने कहा कि वह 1997 से बंगले की देखभाल कर रहा है। उस समय उसे 1700 रुपये मासिक व तीन कमरे परिवार सहित रहने के लिए दिए थे। उसके बाद से उसके वेतन में वृद्धि होती रही, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से उसको वेतन भी नहीं आ रहा है। गोविंद राम ने बताया कि इतने वर्षों से जर्जर हो चुके बंगले की मरम्मत व छत से टपकने वाले पानी की रोकथाम के लिए अपनी जेब से पैसे खर्च किए हैं।

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    मैंने अपने कमरे के ताले तोड़े

    गोविंद राम के वकील ने बताया कि आठ अक्टूबर को राजेश त्रिपाठी व अनिरुद्ध शंकरदास आए व उसका सामान जबरदस्ती बाहर फेंकने लगे। गोविंद राम के समझाने पर वह नहीं माने। इस पर गोविंद राम ने सोलन कोर्ट से स्टे ली है कि उसे इस बंगले से गैरकानूनी व जबरदस्ती बाहर न किया जाए। वह बुधवार को भी बंगले में आए और उसके कमरों पर ताला लगा दिया, जिस पर गोविंद राम ने अपने कमरों पर लगा ताला तोड़ दिया।

    सलमान रुश्दी का पैतृक बंगला है अनीस विला

    लेखक सलमान रुश्दी का सोलन के शिल्ली रोड पर अनीस विला के नाम से पैतृक बंगला है, जो उन्हें उनके पिता अनीस अहमद रुश्दी ने 1969 में बतौर उपहार दिया था। सलमान रुश्दी ने कुल तीन बीघा में से एक बीघा भूमि पर बने इस बंगले को कानूनी लड़ाई के बाद 1997 में पुन: प्राप्त किया था। तब तक यहां एडीएम का आवास होता था, लेकिन जब इस बंगले को प्रशासन ने अपने नाम करने की प्रक्रिया आरंभ की तो दस्तावेजों में अनीस अहमद रुश्दी का नाम आया जो सलमान रुश्दी के पिता थे। 1927 में बने इस बंगले को सलमान के दादा मोहम्मद उलदीन ने खरीदा था। उसके बाद अनीस अहमद के नाम हुए इस बंगले को 1969 के दौरान बेनाम घोषित कर दिया गया था। इस भवन में शिक्षा विभाग समेत कई विभागों का काम चलता रहा। 1992-93 में सलमान रुश्दी ने बंगले पर दावा जताया और साबित किया कि वही उसके असली मालिक हैं। 1997 में अनीस विला सलमान रुश्दी के पास आ गया। तब से गोविंद राम ही बंगले की देखरेख कर रहा है।

    2000 में पहली बार सोलन आए थे सलमान रुश्दी

    प्रदेश सरकार से मुकदमा जीतने के बाद सलमान रुश्दी वर्ष 2000 में पहली बार सोलन आए थे। उन्होंने रात का खाना सोलन के हिमानी होटल में अपने वकील विजय एसटी शंकरदास के साथ खाया था। उसके बाद वह विला की ओर गए, लेकिन तब तक उनके पहुंचने की खबर फैल गई और वह देर रात ही लौट गए थे।

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