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    Sirmaur Crime: सिरमौर में गेहूं की फसल के साथ हो रही अफीम की खेती, पुलिस ने 6 हजार पौधे किए बरामद

    Updated: Mon, 15 Apr 2024 09:36 PM (IST)

    सिरमौर में इन दिनों पुलिस के लिए अफीम की खेती मुसीबत बनी हुई है। वहीं पुलिस ने कंडईवाला माजरा के सैनवाला नाहन के जाबल का बाग और श्रीरेणुकाजी के लठियाना में दबिश मारकर अफीम की खेती होते हुए पाई। इस दौरान पुलिस ने छह हजार से अधिक अफीम के पौधे बरामद किए हैं। पुलिस लगातार अफीम की खेती को लेकर सतर्कता बनाए हुए है।

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    सिरमौर में गेहूं की फसल के साथ हो रही अफीम की खेती (सांकेतिक)।

    जागरण संवाददाता, नाहन। जिला सिरमौर में इन दिनों पुलिस अफीम की खेती का पर्दाफाश कर रही है। आए दिन विभिन्न जिलों की पुलिस खेती में संलिप्त लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचा रही है। अफीम की खेती रबी की सीजन में यानी सर्दियों में की जाती है।

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    हाल ही में जिला सिरमौर के नाहन विधानसभा क्षेत्र के कंडईवाला, माजरा के सैनवाला, नाहन के जाबल का बाग और श्रीरेणुकाजी के लठियाना में भी पुलिस दबिश देकर अफीम की खेती करीब 6 हजार से अधिक पौधों को जब्त कर पर्दाफाश कर चुकी है।

    गेहूं के खेतों में अफीम की खेती होते हुए पाई गई

    अफीम की फसल की बुवाई गेहूं के साथ अक्टूबर-नवंबर महीने में होती है। बुवाई से पहले जमीन को अच्छी तरह जोतना पड़ता है। इसके साथ ही खेत में पर्याप्त मात्रा में गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट भी डालनी होती है, ताकि पौधों का अच्छे से विकास हो सके।

    हर किसान खेतों में किसी भी फसल को अच्छे से उगाने और पैदावार में बढ़ोतरी के लिए गोबर की खाद का इस्तेमाल करता है। चाहे खरीफ की फसल की बुआई का समय हो या रबी का। अच्छी पैदावार के लिए कई रासायनिक खादों का इस्तेमाल भी होता है। पुलिस की जांच में ये बात भी सामने आई है कि जिन स्थानों पर अफीम की खेती का भंडाफोड़ हुआ है, वे खेत गेहूं के थे।

    अफीम की फसल मई जून में होती तैयार

    इन खेतों में गेहूं के साथ ही कुछ लोगों ने अफीम की भी खेती की। इन दिनों गेहूं की फसल पकने के तैयार है। ऐसे में गेहूं की फसल ने अपना रंग भी बदल दिया है। जबकि, अफीम की खेती अब अपने असल स्वरूप में दिखने लगी है, ये फसल मई जून में तैयार होती है।

    यही वजह है कि अफीम की खेती के मामले अब पकड़े जाने लगे हैं। गुप्त सूत्रों के माध्यम से पुलिस को जगह-जगह अफीम की खेती के मामले पकड़ने में आसानी हो रही है। अफीम के डोडे पर मई में कट लगना शुरू होता है। इससे पहले गेहूं की फसल पककर तैयार हो रही है। जिला सिरमौर में पुलिस कई जगह इस खेती का पर्दाफाश कर चुकी है।

    गेहूं की फसल पकने से नजर आ रहे अफीम के पौधे

    जिला सिरमौर के पुलिस अधीक्षक रमन कुमार मीणा ने बताया कि अफीम की खेती गेहूं की फसल के साथ की जा रही है। कई जगह पुलिस को इस अवैध खेती को नष्ट करने में सफलता मिली है। साथ ही आरोपियों के खिलाफ भी कार्रवाई जारी है। उन्होंने बताया कि इस खेती के पकड़े जाने के पीछे यही वजह है कि गेहूं की फसल पकने के बाद अफीम के पौधे खेतों में साफ नजर आते हैं। इसको लेकर पुलिस कार्रवाई अमल में ला रही है।

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