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    18 साल बाद नगर परिषद की सत्ता से बेदखल चौधरी परिवार

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 24 Nov 2018 05:12 PM (IST)

    दून में पूर्व विधायक स्व. चौधरी लज्जा राम परिवार के प्रति लोगों का मोह भंग हो गया है। पहले विधायक की सीट हारने के बाद अब नगर परिषद के अध्यक्ष पद से भी हाथ धोना पड़ा है। पिछले दो दशक से नगर पंचायत व नगर परिषद बद्दी पर चौधरी लज्जा राम के परिवार का कब्जा था। पूर्व विधायक स्व. चौधरी लज्जा राम के बेटे चौधरी मदन लाल व उनकी पत्नी बारी बारी से अध्यक्ष पद पर कब्जा करते रहे। भाजपा को पहली बार दून पर नप की अध्यक्ष पद पर कब्जा करने में सफल रही।

    18 साल बाद नगर परिषद की सत्ता से बेदखल चौधरी परिवार

    ओमपाल ¨सह, बद्दी

    दून में पूर्व विधायक स्वर्गीय चौधरी लज्जा राम परिवार से अब लोगों का मोह भंग हो गया है। पहले विधायक की सीट हारने के बाद अब नगर परिषद के अध्यक्ष पद से भी हाथ धोना पड़ा है। दो दशक से नगर पंचायत व नगर परिषद बद्दी पर चौधरी लज्जा राम के परिवार का कब्जा था। पूर्व विधायक स्वर्गीय चौधरी लज्जा राम के बेटे चौधरी मदन लाल व उनकी पत्नी बारी-बारी अध्यक्ष पद पर कब्जा करते रहे। भाजपा पहली बार नगर परिषद बद्दी के अध्यक्ष पद पर कब्जा करने में सफल रही।

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    पूर्व विधायक ने अपने कुटुब संभाल कर रखा था, लेकिन उनके निधन के बाद उनके बेटे उनकी विरासत को बरकार नहीं रख पाए। भाजपा समर्थित वार्ड एक से निर्मला देवी, पांच से संदीप सचदेवा, छह से माया देवी, आठ से सुषमा देवी ने जीत दर्ज की थी। लेकिन वार्ड तीन के पार्षद नरेंद्र कुमार दीपा को भाजपा अपने पाले में लाने में कामयाब हो गई। आठ नवंबर को उपायुक्त के पास सभी पांचों पार्षदों ने अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित किया। इसके लिए उपायुक्त ने 15 दिन का समय दिया। चौधरी मदन लाल व पूर्व विधायक राम कुमार चौधरी किसी भाजपा समर्थित पार्षद को तोड़कर अपने पक्ष में न कर पाएं इसलिए भाजपा के विधायक परमजीत ¨सह पम्मी समेत पहली पंक्ति के नेताओं ने तीन मीहिला पार्षदों के पति व वार्ड पांच के संदीप सचदेवा व तीन के नरेंद्र दीपा को भूमिगत कर दिया। जिससे कांग्रेस के नेताओं का इनसे संपर्क नहीं हो पाया। शनिवार को जैसे ही बैठक शुरू हुई तो सभी पांचों पार्षद पूर्व निधररित योजना के तहत नप परिसर में पहुंचे और वहां पर पहले से खड़े संमर्थकों ने नरेंद्र दीपा के नारे लगाने शुरू कर दिए। बैठक में नरेंद्र दीपा ने भाजपा को वोट दिया। इससे चौधरी मदन लाल को अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी। इस कुर्सी पर 2000 से कांग्रेस के एक ही परिवार का राज था। लोगों का मानना है कि प्रतिस्पर्धा होने से बद्दी का विकास गति पकड़ेगा।

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    बद्दी का विकास प्राथमिकता है। दो दशक से एक ही परिवार का शासन होने से जनता में अब खुशी का माहौल है और जनता की मांगों पर प्राथमिकता से कार्य किया जाएगा।

    -नरेंद्र दीपा, भाजपा समर्थित पार्षद।

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    मेरे साथ अन्याय हुआ है। 18 नवंबर को नोटिस मिला है। नोटिस मिलने के बाद 15 दिन का समय मिलता है लेकिन उन्हें पर्याप्त समय नहीं मिला है। उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है।

    -चौधरी मदन लाल, निवर्तमान अध्यक्ष नगर परिषद बद्दी।