175 साल का इतिहास समेटे है क्राइस्ट चर्च
पर्यटन नगरी कसौली के माल रोड पर स्थित ऐतिहासिक व पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र क्राइस्ट चर्च (चर्च ऑफ इंगलैंड) शनिवार को अपनी स्थापना का 175वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। यह चर्च न केवल स्थानीय बल्कि देशी व विदेशी पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में से एक है। यह चर्च कसौली में ब्रिटिशकाल में बने उन भवनों की निर्माण शैली के बारे में भी बताता जो आज भी उसी तरह खड़े है। हालांकि ऐतिहासिक धरोहर होने के बावजूद भी सरकार की ओर से इसकी सुंदरता को बनाए रखने के लिए कोई योजना नही है। चर्च के पादरी आशानंद ने बताया कि 26 अक्तूबर को चर्च 175 वर्ष का हो जाएगा। इस मौके पर चर्च में दोपहर बाद विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया जाएगा।
मनमोहन वशिष्ठ, सोलन
पर्यटन नगरी कसौली के माल रोड स्थित ऐतिहासिक एवं पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र क्राइस्ट चर्च (चर्च ऑफ इंग्लैंड) शनिवार को 175वां स्थापना दिवस मनाने जा रहा है। यह चर्च न केवल स्थानीय बल्कि देसी व विदेशी पर्यटकों की पसंदीदा जगहों में से एक है।
चर्च कसौली में ब्रिटिशकाल में बने उन भवनों की निर्माण शैली के बारे में भी बताता जो आज भी उसी तरह खड़े हैं। हालांकि ऐतिहासिक धरोहर होने के बावजूद सरकार की ओर से इसकी सुंदरता बनाए रखने के लिए कोई योजना नहीं है। चर्च के पादरी आशानंद ने बताया कि 26 अक्टूबर को चर्च 175 वर्ष का हो जाएगा। इस मौके पर चर्च में दोपहर बाद विशेष प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया जाएगा। 18,300 रुपये से बना था क्राइस्ट चर्च
कसौली की वादियों में क्राइस्ट चर्च में 26 अक्टूबर 1844 से 1853 में 18,300 रुपये से बना था। कसौली में ये चर्च उस समय में ब्रिटिश शासनकाल का सबसे बेहतरीन चर्च था। नीले पक्के पत्थरों को कलाकारी करके लकड़ी के बेजोड़ नमूने से तैयार किया गया। चर्च को देखने वाला शख्स आज भी ब्रिटिशकाल की काष्ठकला के बेजोड़ नमूनों को देखकर दंग रह जाता है। उसको बनाने वाले के हाथों की कलाकारी की तारीफ करे बिना नहीं रहता। चर्च में लगी प्रभु ईशु मसीह की स्टेनग्लास की पेंटिग उसी समय इंग्लैंड से आई थी। चर्च में लगा फर्नीचर भी उसी समय का है जो आज भी अच्छी हालत में है। 1857 की क्रांति का भी बना था गवाह
क्राइस्ट चर्च कसौली 20 अप्रैल 1857 को कसौली में हुई क्रांति का भी गवाह रहा है। बताया जाता है कि जिस समय कसौली की नसीरी बटालियन ने अंग्रेजों पर हमला करके कसौली ट्रेजरी को लुटा था तो उसमें से आधी राशि चर्च के आंगन में किसी पेड़ के नीचे दबा थी जो आज भी इतिहास है।
चर्च का घड़ी टावर भी हेरिटेज
क्राइस्ट चर्च में टावर में लगी पेंडुलम घड़ी इंग्लैंड के मैनचेस्टर से लाई गई थी। उस समय 2612 रुपये में खरीदा गया था। टावर में लगी घड़ी में दूर से समय देख सकते थे। चर्च के आंगन में सनवाच (सूर्य घड़ी) लगी है जो सूरज की किरणों के पड़ने पर समय बताती है। यह जगह फिल्मों, धारावाहिक व पंजाबी-हिदी एलबम निर्माताओं का भी पसंदीदा लोकेशन बन चुकी है। शाहरुख खान अभिनीत फिल्म माया मैमसाब सहित जॉन अब्राहम की मद्रास कैफे, गोलू का गोगल, पंजाबी गायक मलकीत सिंह, लैंबर हुसैनपुरिया, जस्सी गिल, गैरी संधू जैसे कई गायकों के गानों, धारावाहिक सहित सैकडों हिदी-पंजाबी एलबम व पंजाबी फिल्मों की शूटिंग यहां हो चुकी है।