अप्रैल में हुई बारिश से हिमाचल में मटर का बंपर उत्पादन, 30 प्रतिशत अधिक फसल पहुंची मंडी
हिमाचल प्रदेश में मटर की खेती करने वाले किसान मालामाल हो गए हैं। इस साल अप्रैल के महीने में हुई जबरदस्त बारिश से मटर की बंपर पैदावार हुई है। लोकल मटर ...और पढ़ें

सोलन, जागरण संवाददाता। अप्रैल महीने में हुई बारिश से हिमाचल प्रदेश में इस वर्ष मटर का बंपर उत्पादन हुआ है। बीते वर्ष की अपेक्षा 30 प्रतिशत अतिरिक्त मटर की फसल सोलन सब्जी मंडी में पहुंची है। मटर ने इस वर्ष प्रदेश के किसानों को मालमाल कर दिया है। खास बात यह है कि उत्तर भारत में हिमाचली मटर की सबसे अधिक डिमांड है।
जानकारी के अनुसार, एक अप्रैल से प्रदेश में मटर का सीजन शुरू हो जाता है। सोलन सब्जी मंडी में इन दिनों सोलन, शिमला, सिरमौर, मंडी, कुल्लू जिला से मटर बिकने के लिए पहुंच रहा है। एक अप्रैल से 8 मई तक सोलन मंडी में 10744 क्विंटल मटर बिकने के लिए पहुंचा है। इस दौरान किसानों को मटर का रेट 64 रुपये प्रति किलो तक भी मिला है। मटर का औसतन रेट इस सीजन में करीब 35 रुपये रहा है।
25 मई तक मंडी में आता रहेगा लोकल मटर
बताया जा रहा है कि अभी 20 प्रतिशत मटर शेष है। इससे साफ है कि 25 मई तक लोकल मटर मंडी में आता रहेगा। इन दिनों हो रही बारिश से मटर को काफी अधिक लाभ हुआ है, जिससे मटर के उत्पादन पर काफी अधिक असर पड़ा है। वर्ष 2022 में 1 अप्रैल से 8 मई तक मात्र 7750 क्विंटल मटर बिकने के लिए पहुंचा था। इस वर्ष करीब 3 हजार क्विंटल अतिरिक्त मटर आ चुका है।
मटर की बंपर पैदावार से किसान मालामाल
मौसम में आए परिवर्तन का असर सबसे अधिक मटर की फसल पर हुआ है। मटर की बंपर पैदावार ने किसानों को मालमाल कर दिया है। खास बात यह है कि अधिक उत्पादन के साथ किसानों को रेट भी अधिक मिल रहा है। मार्किट कमेटी सोलन के सचिव रविंद्र शर्मा का कहना है कि अभी मटर का सीजन जारी है। प्रतिदिन 8 से 10 क्विंटल मटर मंडी में आ रहा है। इस माह के अंत तक लोकल मटर चलता है।
हिमाचली मटर की सबसे अधिक डिमांड पंजाब, हरियाणा व दिल्ली में रहती है। इसके आलावा कुछ सप्लाई इस वर्ष गुजरात व राजस्तान भी गई है। देसी मटर की अपेक्षा पहाड़ी मटर स्वाद व गुणवत्ता में बेहतर होता है। इसलिए महंगे रेट पर बिकता है। बाजार में इन दिनों लोकल मटर 60 से 70 रुपये प्रतिकिलो तक बिक रहा है।

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