हिमाचल के सोलन में भारी बारिश का कहर, भूस्खलन से कई सड़कें बंद; कालका-शिमला रेल मार्ग पर गाड़ियों की आवाजाही ठप
सोलन जिले में भारी बारिश के कारण कई मुख्य और संपर्क मार्ग भूस्खलन से बंद हो गए हैं जिनमें चंडी से पट्टा और बनलगी से पट्टा महलोग मुख्य सड़कें शामिल हैं। कालका-शिमला रेलमार्ग भी भूस्खलन और पेड़ गिरने से बाधित है जिससे ट्रेनों की आवाजाही रोक दी गई है। जिला प्रशासन ने नदी-नालों में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है क्योंकि जलस्तर बढ़ने से खतरा बढ़ गया है।

संवाद सहयोगी, सोलन। हिमाचल के सोलन जिले में भारी बारिश ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। बीती रात से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कई मुख्य व संपर्क मार्ग भूस्खलन के चलते बंद हो गए हैं। इसमें चंडी से पट्टा मुख्य सड़क, बनलगी से पट्टा महलोग मुख्य सड़क भूस्खलन से बंद हो गई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भी कई संपर्क मार्ग बंद हुए हैं। वहीं, कालका-शिमला रेलमार्ग भी जगह-जगह भूस्खलन होने, पेड़ व पत्थर गिरने से बंद हो गया। रेलमार्ग पर सभी ट्रेनों की आवाजाही बंद कर दी गई है। अलग-अलग क्षेत्रों में लगातार भारी से हल्की बारिश जारी है। अभी तक सूखे चल रहे नदी, नालों में भी बारिश से जलस्तर बढ़ गया है।
जिला प्रशासन ने दो दिन पहले ही नदी नालों में न जाने को लेकर निर्देश जारी किए हैं। आदेशों के अनुसार सोलन जिला की सीमा में अश्वनी खड्ड में खड्ड के दोनों किनारों व इसके आसपास के स्थानों और सोलन तहसील के राजस्व गांव सेर बनेड़ा में गिरीपुल पर गिरी नदी के किनारे स्थित शनि मंदिर के समीप और आसपास के क्षेत्र में सभी तरह की अनाधिकृत पर्यटन व व्यवसायिक गतिविधियों को पूर्ण रूप से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
अश्वनी खड्ड व गिरी नदी में स्नान करने और इनके किनारों पर पिकनिक मनाने पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि मानसून के मौसम में भारी वर्षा के कारण नदी, नालों के किनारे जाना खतरनाक साबित हो सकता है।
अधिकतर मौकों पर पर्यटक नदी एवं खड्डों में नहाने के लिए चले जाते हैं। ऐसे में नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि होने के कारण पर्यटकों के जीवन को खतरा पैदा हो सकता है।
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