भूस्खलन से तबाही के बाद चंडीगढ़-शिमला फोरलेन बहाल, 40 अधिक सड़कें अभी ठप; 400 ट्रांसफार्मर भी बंद
सोलन जिले में भारी बारिश ने कहर बरपाया जिससे घरों में पानी घुस गया और मवेशियों की मौत हो गई। भूस्खलन के कारण कई मुख्य मार्ग अवरुद्ध हो गए जिससे यातायात बाधित हुआ। कालका-शिमला रेलमार्ग भी बंद रहा लेकिन बाद में बहाल कर दिया गया। बिजली आपूर्ति बाधित होने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा जिसे ठीक करने के प्रयास जारी रहे।
संवाद सहयोगी, सोलन। सोलन जिला में भारी बारिश ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरु कर दिया है। कहीं लोगों के घरों में पानी घुस गया, तो कहीं लोगों के मवेशी दबकर मर गए। शनिवार रात से रविवार सुबह तक हुई लगातार भारी बारिश के कारण कई मुख्य व संपर्क मार्ग भूस्खलन के चलते बंद हो गए। वहीं कालका-शिमला रेलमार्ग भी जगह-जगह भूस्खलन होने, पेड़ व पत्थर गिरने से बंद हो गया था।
रेलमार्ग पर सभी ट्रेनों की आवाजाही बंद कर दी गई थी, लेकिन रेलमार्ग को दोपहर तक बहाल कर दिया गया था। उसके बाद ट्रेनों की आवाजाही शुरू हुई। सुबह ही चंडीगढ़-शिमला फोरलेन चक्की मोड़ के पास पहाड़ी से भारी मलबा आने से बंद हो गया था। कुछ समय बाद एक लेन को बहाल किया गया।
इस दौरान दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई। दिन में पौने एक बजे एनएच को पूरी तरह बहाल कर दिया गया। हालांकि जाम में फंसकर पर्यटक परेशान हुए, और वापिस लौट गए। एनएच बंद होने पर कसौली- परवाणू वैकल्पिक मार्ग से भेजने की योजना थी, लेकिन वो मार्ग भी जंगेशु के पास बंद हो गया।
कोटबेजा पंचायत में दो गाय दबकर मरी
भारी बारिश के कारण कोटबेजा पंचायत के झांगड़ गांव में एक परिवार की दो गाय दबकर मर गई। वहीं बनोई गांव में लोगों के घरों में नाले का पानी घुस गया।
400 से अधिक ट्रांसफार्मर बंद
बारिश के चलते जिला के कई उपमंडलों में बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई। सुबह से ही बत्ती गुल होने से लोगों को आवश्यक कार्यों के लिए दिक्कतों का सामना करना पडा। जानकारी के अनुसार 450 के करीब बिजली के ट्रांसफार्मर बंद हुए। इनको सुचारु करने के लिए विद्युत बोर्ड के कर्मचारी डटे रहे। शाम तक अधिकांश ट्रांसफार्मर दुरुस्त कर बिजली आपूर्ति सुचारु कर दी गई।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।