हिमाचल में हृदय रोग और हाई बीपी में दी जाने वाली दवाओं सहित 94 के सैंपल फेल, यहां देखें लिस्ट
हिमाचल प्रदेश में CDSCO और राज्य दवा नियामकों की जांच में हृदय रोग हाई बीपी में उपयोग होने वाली दवाओं समेत 94 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं जिनमें से तीन नकली पाई गई हैं। अगस्त के ड्रग अलर्ट में हिमाचल के 31 दवा उद्योगों में बनीं 38 दवाएं गुणवत्ता में विफल रहीं। इन दवाओं में एसिडिटी बुखार और हाई बीपी के उपचार में इस्तेमाल होने वाली दवाएं शामिल हैं।

जागरण संवाददाता, सोलन। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और राज्य दवा नियामकों की जांच में हृदय रोग, हाई बीपी में उपयोग होने वाली दवाओं सहित कुल 94 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं। तीन दवाएं जांच में नकली भी निकली हैं।
अगस्त के ड्रग अलर्ट में हिमाचल के 31 दवा उद्योगों में बनीं 38 दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर खरी नहीं उतरीं।
इनमें एसिडिटी, बुखार, पेट के अल्सर, हृदय रोग, सूजन, आर्थराइटिस, पेट के कीड़े और हाई बीपी जैसी बीमारियों के उपचार में दी जाने वाली दवाएं शामिल हैं। अन्य राज्यों के उद्योगों में बनी 56 दवाओं के सैंपल भी फेल हुए हैं।
इन दवाओं के फेल हुए सैंपल
फेल हुई दवाओं में हिमाचल के बद्दी में निर्मित ओमेगा-3 फैटी एसिड कैप्सूल। सिरमौर जिले में निर्मित आर्थराइटिस में दिया जाने वाला डेक्सामेथासोन सोडियम फास्फेट इंजेक्शन खराब पाया है।
पांवटा साहिब में निर्मित मूत्र मार्ग के संक्रमण की दवा एमिकासिन सल्फेट इंजेक्शन और नालागढ़ में निर्मित दर्द निवारक दवा ट्रामाडोल हाइड्रोक्लोराइड कैप्सूल का सैंपल प्रमुख रूप से जांच में फेल हो गया।
वहीं, उत्तराखंड में निर्मित मिर्गी, सीने की जलन,कैल्शियम और विटामिन डी की दवा के साथ हाई बीपी में दी जाने वाली दवा के सैंपल भी फेल हो गए।
पंजाब में निर्मित ह्दय रोग व माइग्रेन में उपयोग होने वाली दवा और इंदौर में निर्मित प्रसव के दौरान दिए जाने वाले इंजेक्शन का सैंपल भी जांच में फेल हो गया। इसके अतिरिक्त हिमाचल के बद्दी में निर्मित पांच सिरप के सैंपल भी जांच में फेल हो गए।
जिन उद्योगों की दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उन्हें नोटिस जारी कर बाजार से संबंधित बैच हटाने के निर्देश दिए हैं। जिन इकाइयों के नाम लगातार मासिक सूची में आ रहे हैं, उनकी जांच कर कार्रवाई होगी। अवैध निर्माता नामचीन ब्रांड की नकली दवाएं तैयार कर बाजार में उतार देते हैं, खासकर हृदय रोग और ब्लड प्रेशर की। इन पर केंद्र और राज्य नियामक निगरानी करते हैं। - मनीष कपूर, राज्य दवा नियंत्रक (हिमाचल)।
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