क्राफ्ट पेपर के दाम बढ़ने से परेशान गत्ता उद्योग संचालक
प्रदेश का गत्ता उद्योग क्राफ्ट पेपर के दाम बढ़ने से बंद होने की स्थिति में
संवाद सहयोगी, बद्दी : प्रदेश का गत्ता उद्योग क्राफ्ट पेपर के दाम बढ़ने से बंद होने की स्थिति में पहुंच गया है। शनिवार को प्रदेशभर के गत्ता उद्योग संचालकों की नालागढ़ में बैठक हुई, जिसमें लगातार काम की कमी व गत्ते के रेट न बढ़ने के कारण उत्पादन बंद करने के फैसले पर सहमति बनी। बैठक में कहा कि तीन माह से क्राफ्ट पेपर के रेट 30 फीसद बढ़ गए हैं। गत्ता संचालक अब घाटे में काम करने की सूरत में नहीं हैं। अगर पेपर मिलों की मनमानी कम नहीं हुई और गत्ते के रेट नहीं बढ़े तो एक दिसंबर को मजबूरन सभी उद्योग अपना उत्पादन बंद कर देंगे।
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि हिमाचल में गत्ते के करीब तीन सौ उद्योग हैं। इसमें छह हजार लोगों को रोजगार मिला हुआ है। गत्ता उद्योगों से सरकार को 24 करोड़ रुपये राजस्व जीएसटी के रूप में मिलता है। बैठक में संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने प्रदेश के सभी गत्ता उपभोक्ताओं से आग्रह किया है कि वह रेट बढ़ाएं अन्यथा एक दिसंबर से उत्पादन बंद कर देंगे। पूर्व प्रधान गगन कपूर ने कहा कि प्रदेश सरकार सभी हिमाचल की पेपर मिलों का रेट फिक्स करे। बीबीएन के अध्यक्ष हेमराज चौधरी ने कहा कि पेपर मिल निर्यात का बहाना बना कर कच्चे माल के रेट बढ़ा रहे हैं। महामंत्री विशाल गोयल ने कहा कि अगर गत्ता का उत्पादन बंद हो जाएगा तो प्रदेश में गत्ते की कमी से दूसरे उद्योगों में भी उत्पादन प्रभावित होगा। बैठक में नवीन वत्स, परवाणू से संजीव जैन, मोहित अग्रवाल, महेश कुमार, तजेंद्र बंसल, अजय जैन, विकास सिंह, विशाल सिगला, आदित्य सूद, रजत गुप्ता, कालाअंब से राजीव गुल्हाटी उपस्थित रहे।
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